क्या मध्य प्रदेश में अनुबंधित कंपनी ने स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला किया है?

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क्या मध्य प्रदेश में अनुबंधित कंपनी ने स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला किया है?

सारांश

मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की अनुबंधित कंपनी पर दिग्विजय सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं। भ्रष्टाचार और फर्जी जांचों के मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। जानिए इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • दिग्विजय सिंह ने अनुबंधित कंपनी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • भ्रष्टाचार और फर्जी जांचों के मामलों की जांच की मांग की गई है।
  • सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाए जा रहे हैं।
  • सभी अस्पतालों के रिकॉर्ड का मिलान किया जाना चाहिए।
  • भविष्य में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े मानक लागू करने की आवश्यकता है。

भोपाल, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डायग्नोस्टिक सेवाएं देने वाली अनुबंधित कंपनी पर भ्रष्टाचार और सरकारी खजाने को गंभीर नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

दिग्विजय सिंह ने इस संदर्भ में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजेंद्र शुक्ल को एक पत्र भेजकर विस्तृत शिकायत प्रस्तुत की है। जानकारी के अनुसार, यह जानकारी राज्य के पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी से प्राप्त हुई है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बताया कि हब एंड स्पोक साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड, जो पिछले पांच वर्षों से प्रदेश में अनुबंधित है, ने फर्जी मरीजों और उनकी काल्पनिक जांचों के माध्यम से सरकार से सैकड़ों करोड़ रुपये का भुगतान हासिल किया है। दस्तावेज दर्शाते हैं कि कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों के सैंपल इस कंपनी की प्रयोगशालाओं में भेजे जाते हैं।

उन्होंने कहा कि कंपनी के कर्मचारियों ने ही इसके भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का खुलासा किया है। कंपनी के खिलाफ आयकर चोरी के मामले भी दर्ज हैं। आरोप है कि कंपनी द्वारा तैयार किए गए मरीजों के नाम और मोबाइल नंबर अस्पतालों के वास्तविक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते हैं। यदि इन आंकड़ों का प्रदेश के सभी अस्पतालों के रिकॉर्ड से मिलान किया जाए, तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताएं उजागर होंगी।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता का भी है। यह प्रदेश के आम नागरिकों के साथ विश्वासघात है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करे और सच्चाई को उजागर कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि यह घोटाला केवल सरकारी खजाने के बड़े नुकसान को नहीं दर्शाता, बल्कि सरकारी अस्पतालों में सेवा गुणवत्ता पर भी गंभीर प्रश्न उठाता है।

दिग्विजय सिंह ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया कि कंपनी के पिछले पांच वर्षों के सभी भुगतान और जांच रिपोर्टों का ऑडिट कराया जाए। अस्पतालों के रिकॉर्ड और कंपनी द्वारा प्रस्तुत डेटा का आपसी मिलान किया जाए। स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भविष्य में ऐसे अनुबंधों के लिए कड़े मानक और निगरानी तंत्र लागू किए जाएं।

Point of View

क्योंकि यह न केवल भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि हमारे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता को भी चुनौती देता है। यह आवश्यक है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करे।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

दिग्विजय सिंह ने किस कंपनी पर आरोप लगाए हैं?
दिग्विजय सिंह ने 'हब एंड स्पोक साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड' पर भ्रष्टाचार और फर्जी मरीजों के मामलों में आरोप लगाया है।
क्या सरकार ने मामले की जांच शुरू की है?
दिग्विजय सिंह ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, लेकिन अभी तक किसी आधिकारिक जांच की घोषणा नहीं हुई है।
कंपनी पर लगे आरोपों की गंभीरता क्या है?
कंपनी पर आरोप है कि उसने फर्जी मरीजों के माध्यम से सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।