क्या बिहार में महागठबंधन नहीं, बल्कि ‘लठबंधन’ है? : मनोज तिवारी

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन में असंतोष है।
- तेजस्वी यादव का नाम देर से घोषित होना एक संकेत है।
- मनोज तिवारी का कहना है कि एनडीए का समर्थन बढ़ेगा।
- कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं।
- छठ पर्व को लेकर आम आदमी पार्टी की आलोचना की गई है।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने पर भाजपा सांसद और भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का नाम इतने समय बाद घोषित किया जाना इस बात का संकेत है कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा।
मनोज तिवारी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि अब सवाल यही उठता है कि इतने समय बाद तेजस्वी यादव का नाम क्यों घोषित किया गया? इसका मतलब है कि महागठबंधन में ‘लठबंधन’ है, न कि गठबंधन। कांग्रेस तेजस्वी बाबू को पसंद नहीं करती और तेजस्वी भी अब अपने पोस्टर से राहुल गांधी की तस्वीर हटा चुके हैं।
भाजपा सांसद ने तेजस्वी यादव के 'बदलाव' वाले बयान पर चुटकी लेते हुए कहा, “इनकी तो शुरुआत ही झगड़े से हुई है। मुकेश सहनी खुद कह चुके हैं कि महागठबंधन बीमार हो चुका है। अब इतने अपशब्दों के आदान-प्रदान के बाद कोई फैसला लिया जाता है तो वह लोकतांत्रिक निर्णय नहीं, बल्कि मजबूरी होती है।”
उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन के नेता बिहार के विकास के लिए नहीं, बल्कि अपनी बेहतरी के लिए काम करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार को जिस स्तर पर पहुंचाया गया है, अब उस रफ्तार को और बढ़ाने की जरूरत है। हमें पूरा विश्वास है कि बिहार की जनता एनडीए के साथ ही जाएगी।
मनोज तिवारी ने दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी को टिकट न दिए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है। राहुल गांधी ने ‘माउंटेन मैन’ के परिवार को टिकट देने का वादा किया था, लेकिन अब वह वादा भी टूट गया। हमें यकीन हो गया है कि राहुल गांधी अब किसी को नहीं छोड़ने वाले, सभी को धोखा दे रहे हैं।
दिल्ली में छठ पर्व को लेकर भी मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “पहले दिल्ली में छठ पर्व मनाने के लिए घाट तक नहीं थे। पिछली सरकारों ने तो इस पर्व को प्रतिबंधित करने तक की कोशिश की थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और रेखा गुप्ता की सरकार बनने के बाद अब छठ पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।”
मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायकों और मंत्रियों को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली की भावनाओं को आहत किया, जबकि भाजपा सरकार ने छठ को सम्मान और पहचान दी है।