क्या रोहित पवार पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का फर्जी आधार कार्ड बनाने का आरोप सही है?
सारांश
Key Takeaways
- फर्जी आधार कार्ड बनाना एक गंभीर अपराध है।
- इस मामले ने राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया है।
- पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की है।
- आधार कार्ड की सुरक्षा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- इस मामले की गहन जांच चल रही है।
मुंबई, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक और युवा नेता रोहित पवार कठिनाई में पड़ गए हैं। मुंबई के दक्षिण साइबर पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने का मामला दर्ज किया गया है। उन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फर्जी आधार कार्ड बनाने का आरोप है।
यह संपूर्ण मामला तब शुरू हुआ, जब रोहित पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कैसे फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से उन्होंने ट्रंप का आधार कार्ड तैयार किया। उनका उद्देश्य आधार कार्ड के सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करना था। लेकिन अब यह बयान उनके लिए समस्या बन चुका है।
फर्जी आधार कार्ड बनाना कानून के अनुसार अपराध है। इसे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है। भाजपा के पदाधिकारी धनंजय वागस्कर ने इसकी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि रोहित पवार का यह कार्य सार्वजनिक शांति को भंग करने वाला और समाज के लिए खतरनाक है।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने तात्कालिक कार्रवाई की। रोहित पवार के साथ-साथ वेबसाइट बनाने वाले और उसका उपयोग करने वाले अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336(2), 336(3), 336(4), 337, 353(1)(बी), 353(1)(सी), 353(2) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एक्ट की धारा 66(सी) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
ये धाराएं फर्जी दस्तावेज बनाने, पहचान छिपाने, कंप्यूटर सिस्टम में धोखाधड़ी और राष्ट्रहित को नुकसान पहुंचाने जैसे अपराधों से संबंधित हैं। पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है। रोहित पवार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इस पर चर्चा तेज हो गई है।
जानकारी के अनुसार, भाजपा इसे आधार कार्ड की सुरक्षा पर सवाल उठाने का अवसर बता रही है, जबकि एनसीपी (एसपी) इसे राजनीतिक साजिश करार दे रही है।