क्या महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों ने शिंदे पर सवाल उठाने वालों को चुप करा दिया?
सारांश
Key Takeaways
- शिवसेना ने चुनाव में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
- एकनाथ शिंदे की नेतृत्व क्षमता को मान्यता मिली।
- विपक्ष की स्थिति कमजोर हो गई है।
- महाविकास अघाड़ी का गठबंधन स्वार्थ पर आधारित है।
- राज ठाकरे की राजनीतिक रणनीतियों पर सवाल उठाए गए।
मुंबई, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना की नेता मनीषा कायंदे ने महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में महायुति की सफलताओं का श्रेय राज्य के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को दिया। उन्होंने बताया कि यह पहला अवसर था जब शिवसेना ने इस चुनाव में भाग लिया और अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया।
मनीषा कायंदे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि इस चुनाव में जीत का श्रेय उन सभी शिवसैनिकों को जाता है जिन्होंने जमीनी स्तर पर मेहनत की। हमारी पार्टी ने इस दिशा में बेहतरीन काम किया है, और इसके लिए शिवसेना की सराहना की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में शिवसेना की जीत ने यह सिद्ध कर दिया है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में किसी भी प्रकार के सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं है। हाल के दिनों में शिंदे की कार्यशैली पर कई सवाल उठाए गए थे, लेकिन इस चुनावी जीत ने उन सभी की बोलती बंद कर दी है।
विपक्ष के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए मनीषा ने कहा कि आज विपक्ष की प्रासंगिकता पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। इन्होंने चुनाव प्रचार में सक्रियता नहीं दिखाई, जिससे जनता का विश्वास इनसे उठ गया है। विपक्षी दलों का यह हाल है कि उनका नैरेटिव पूरी तरह से समाप्त हो चुका है।
उन्होंने महाविकास अघाड़ी को स्वार्थ पर आधारित गठबंधन बताया। इन दलों को जनता के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है। राहुल गांधी की स्थिति का उदाहरण देते हुए मनीषा ने कहा कि जब संसद का सत्र होता है, तब वह विदेश में जाकर बैठ जाते हैं। ऐसे में लोगों को इनसे क्या उम्मीद करनी चाहिए?
राज ठाकरे की राजनीतिक कुशलता पर भी मनीषा ने सवाल उठाए और कहा कि उनकी पारिवारिक मुलाकातों से कोई लाभ नहीं हुआ। यदि उन्हें राजनीति में आगे बढ़ना है, तो उन्हें अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।