क्या केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पुनर्गठन की मांग की?

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क्या केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पुनर्गठन की मांग की?

सारांश

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के शीघ्र पुनर्गठन की मांग की। इस पत्र में उन्होंने आयोग की निष्क्रियता और इसके प्रभावों पर भी चर्चा की। क्या यह कदम ओडिशा के पिछड़े समुदायों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेगा?

Key Takeaways

  • ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का शीघ्र पुनर्गठन आवश्यक है।
  • आयोग की निष्क्रियता से पिछड़े समुदायों की समस्याएँ अनसुलझी रह गई हैं।
  • केंद्रीय मंत्री का पत्र सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भुवनेश्वर, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के शीघ्र पुनर्गठन की मांग की है। साथ ही, मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने का आग्रह भी किया है।

धर्मेंद्र प्रधान ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि आयोग में सदस्यों की अनुपस्थिति के चलते आयोग पिछले कई महीनों से कार्य नहीं कर पा रहा है। इसका नकारात्मक प्रभाव राज्य में सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग समुदायों पर पड़ रहा है, क्योंकि उनकी समस्याओं और मांगों को सुनने का कोई वैधानिक मंच उपलब्ध नहीं है।

यह ध्यान देने योग्य है कि आयोग का कार्यकाल 3 जनवरी 2024 को समाप्त हो गया था, जिसके बाद से यह आयोग निष्क्रिय हो गया है।

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि ओडिशा में कुल 216 शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग समुदाय निवास करते हैं, जो राज्य की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन समुदायों को शिक्षा, रोजगार और विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में समान अवसर प्राप्त करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि एक सक्रिय आयोग की अनुपस्थिति में इन समुदायों की आवाज सरकार तक नहीं पहुँच पा रही है, जिससे सामाजिक न्याय की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह आयोग न केवल शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग सूची में नए समुदायों को शामिल करने के अनुरोधों की जांच करता है, बल्कि समुदायों से जुड़ी शिकायतों के निवारण और नीतिगत मामलों में सरकार को सलाह देने का कार्य भी करता है।

उन्होंने ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) अधिनियम, 2020 का भी उल्लेख किया, जो आयोग को पिछड़े वर्ग समुदायों की सामाजिक और शैक्षिक स्थिति पर सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी देता है।

केंद्रीय मंत्री ने पत्र में लिखा कि आयोग का शीघ्र पुनर्गठन सामाजिक न्याय की भावना को मजबूत करेगा और राज्य के पिछड़े समुदायों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायक होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि समय पर उठाया गया यह कदम ओडिशा में पिछड़ा वर्ग समुदायों के वैधानिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करेगा और उनके अधिकारों की प्रभावी रक्षा करेगा।

Point of View

बल्कि समग्र समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का कार्य क्या है?
यह आयोग शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग समुदायों के मुद्दों को सुनता है और उनकी समस्याओं का समाधान करता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने किसको पत्र लिखा?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को पत्र लिखा।
आयोग की निष्क्रियता का क्या प्रभाव है?
आयोग की निष्क्रियता के कारण पिछड़े वर्ग के समुदायों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।
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