क्या छन्नूलाल मिश्र के साथ मंच साझा करना एक सौभाग्य था? मालिनी अवस्थी ने याद किए पुराने दिन

सारांश
Key Takeaways
- छन्नूलाल मिश्र का योगदान भारतीय संगीत में महत्वपूर्ण था।
- उनकी सादगी ने दर्शकों के दिलों को छुआ।
- मालिनी अवस्थी ने उनके साथ कई मंच साझा किए।
- उन्होंने संगीत को युवा पीढ़ी के लिए सुलभ बनाया।
- उनका गायन सदैव अमर रहेगा।
लखनऊ, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य कई राजनेताओं ने गुरुवार को शास्त्रीय संगीत के महान गायक पद्म विभूषण छन्नूलाल मिश्र के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। भारतीय लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने भी इस क्षति को बेहद दुखद बताया है और उन्होंने छन्नूलाल मिश्र के साथ बिताए क्षणों को याद किया।
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में मालिनी अवस्थी ने कहा, "पद्म विभूषण छन्नूलाल मिश्र हमारे देश की शान थे। भारतीय संगीत की जो आत्मा है, वह उनके गायन में स्पष्ट रूप से झलकती है... हम सभी उनके प्रशंसक रहे हैं और आज भी हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "उनकी सादगी अद्वितीय थी… वह जब मंच पर आते थे, तो दर्शकों से सीधा संबंध स्थापित कर लेते थे। उनके श्रोताओं को लगता था कि वे उनसे व्यक्तिगत रूप से जुड़े हैं। आम जनमानस शास्त्रीय संगीत को जटिल समझता था, लेकिन छन्नूलाल मिश्र ने इसे सरल और सुलभ बना दिया, जिससे युवा पीढ़ी भी उनके गाने सुनने लगी।"
मालिनी ने छन्नूलाल मिश्र के साथ मंच पर बिताए अनुभवों को साझा करते हुए कहा, "उनके ख्याल, ठुमरी, भजन, और रामचरितमानस की चौपाई जैसी प्रस्तुतियाँ संपूर्ण भारत की सांगीतिक विविधता को दर्शाती थीं। उनका जाना हमारे लिए अपूरणीय क्षति है, लेकिन मुझे गर्व है कि मैं उनसे व्यक्तिगत रूप से मिली। कई बार हमने साथ में गाया, और उनके घर पर भी गई।"
मालिनी ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, "मुझे याद है कि बीएचयू में हमने 'कथा परंपरा' पर एक सेमिनार आयोजित किया था। उस समय वे बीमार थे, लेकिन जब मैंने उनसे बोलने के लिए कहा तो उन्होंने मना नहीं किया और इतना सुंदर उद्बोधन दिया कि वह आज भी मेरी यादों में बसा हुआ है। मैं माँ भगवती से प्रार्थना करती हूँ कि वह उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। उनका गायन सदैव अमर रहेगा।"