क्या नागरिकों को मातृभाषा के लिए उत्पीड़न की धमकी देना असंवैधानिक है? ममता बनर्जी

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क्या नागरिकों को मातृभाषा के लिए उत्पीड़न की धमकी देना असंवैधानिक है? ममता बनर्जी

सारांश

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'बांग्ला' भाषा विवाद पर अपनी आवाज उठाते हुए कहा है कि असम में भाजपा का विभाजनकारी एजेंडा असंवैधानिक है। उन्होंने असम के नागरिकों के मातृभाषा को बचाने के अधिकार का समर्थन किया और भाजपा के खिलाफ निडरता से खड़े रहने का आह्वान किया।

Key Takeaways

  • ममता बनर्जी ने नागरिकों के मातृभाषा के अधिकार की रक्षा की मांग की।
  • भाजपा का विभाजनकारी एजेंडा असंवैधानिक है।
  • असम के लोग डटकर मुकाबला करेंगे।
  • भाषा और पहचान के अधिकार लोकतंत्र की नींव हैं।

कोलकाता, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'बांग्ला' भाषा विवाद पर एक बार फिर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि असम में भाजपा का यह विभाजनकारी एजेंडा सारी हदें पार कर चुका है और असम के लोग इसका डटकर मुकाबला करेंगे।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "देश में दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा 'बांग्ला' असम की भी दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। सभी भाषाओं और धर्मों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहना चाहने वाले नागरिकों को उनकी अपनी मातृभाषा को बनाए रखने के लिए उत्पीड़न की धमकी देना भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है।"

उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, "असम में भाजपा का यह विभाजनकारी एजेंडा सारी हदें पार कर चुका है और असम के लोग इसका डटकर मुकाबला करेंगे। मैं हर उस निडर नागरिक के साथ खड़ी हूं, जो अपनी भाषा और पहचान की गरिमा और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ रहा है।"

इससे पहले ममता बनर्जी ने एक पोस्ट में कहा था, "मैं यह जानकर स्तब्ध और बेहद व्यथित हूं कि असम में विदेशी न्यायाधिकरण ने कूचबिहार के दिनहाटा में 50 से ज्यादा वर्षों से रह रहे राजबंशी उत्तम कुमार बृजवासी को एनआरसी नोटिस जारी किया है। वैध पहचान पत्र देने के बावजूद उन्हें "विदेशी/अवैध प्रवासी" होने के संदेह में परेशान किया जा रहा है। यह लोकतंत्र पर एक सुनियोजित हमले से कम नहीं है। यह इस बात का प्रमाण है कि असम में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार बंगाल में एनआरसी लागू करने की कोशिश कर रही है, जहां उसके पास कोई शक्ति या अधिकार क्षेत्र नहीं है।"

ममता बनर्जी ने पहले भी भाजपा शासित राज्यों में 'बांग्ला' बोलने वाले मजदूरों और प्रवासियों की कथित तौर पर गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया। इसको लेकर उन्होंने कोलकाता में मार्च भी किया। कवि, नाटककार और गीतकार द्विजेंद्रलाल रॉय की जयंती पर भी शुक्रवार को ममता बनर्जी ने आरोप लगाए कि पूरे देश में बंगाली भाषा और बंगालियों के खिलाफ एक गहरी साजिश चल रही है।

Point of View

यह जरूरी है कि नागरिक एकजुटता के साथ अपने अधिकारों के लिए खड़े हों।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

ममता बनर्जी ने किस मुद्दे पर बात की?
ममता बनर्जी ने 'बांग्ला' भाषा विवाद पर बात की और असम में भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे की निंदा की।
क्या असम में भाजपा का एजेंडा असंवैधानिक है?
ममता बनर्जी के अनुसार, असम में भाजपा का यह एजेंडा नागरिकों को उनकी मातृभाषा के लिए उत्पीड़न की धमकी देकर असंवैधानिक है।