क्या मनसे की शंकाएं दूर करेगी सरकार? महाराष्ट्र में तीन-भाषा नीति विवाद पर बोले उदय सामंत

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क्या मनसे की शंकाएं दूर करेगी सरकार? महाराष्ट्र में तीन-भाषा नीति विवाद पर बोले उदय सामंत

सारांश

उदय सामंत ने महाराष्ट्र में तीन-भाषा नीति विवाद और अबू आजमी के विवादित बयान पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि मनसे की शंकाओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है। यह मुद्दा गलतफहमी का नतीजा है। जानें क्या है इस विवाद के पीछे का सच और सरकार की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • महाराष्ट्र सरकार ने तीन-भाषा नीति पर विशेष बैठक बुलाई है।
  • मनसे के राज ठाकरे ने हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध किया है।
  • उदय सामंत ने कहा कि यह विवाद एक गलतफहमी का परिणाम है।
  • पंढरपुर वारी यात्रा महाराष्ट्र की संस्कृति का प्रतीक है।
  • सरकार राजनीतिक बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं करेगी।

मुंबई, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार के उद्योग एवं मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत ने सोमवार को राज्य में चल रहे तीन-भाषा नीति विवाद और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी के पंढरपुर वारकरी यात्रा पर दिए विवादित बयान पर विचार व्यक्त किया।

उदय सामंत ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा हिंदी भाषा को लेकर उठाए गए सवालों पर कहा कि मनसे को सरकार के दिशा-निर्देशों को लेकर जो भी शंका है, उसे दूर करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक विशेष बैठक बुलाई है। उस बैठक में हर पहलू को स्पष्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि हिंदी भाषा को अनिवार्य नहीं किया गया है। यदि मनसे को कोई शंका है, तो सरकार उसे दूर करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उदय सामंत ने कहा कि यह पूरा मामला एक गलतफहमी का परिणाम है और मुख्यमंत्री ने खुद इसमें हस्तक्षेप करते हुए सभी संबंधित पक्षों को आमंत्रित किया है, ताकि भाषा को लेकर व्यर्थ की राजनीति से बचा जा सके और स्पष्टता लाई जा सके।

तीसरी भाषा के रूप में हिंदी अनिवार्य करने के फैसले पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा था कि राज्य में जबरन हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम हिंदू हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम हिंदी (भाषी) भी हैं। महाराष्ट्र की स्मिता मराठी भाषा से जुड़ी है और मराठी को सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में 'बांटो और राज करो' जैसी स्थिति पैदा की जा रही है और हिंदी जबरन थोपी जा रही है।

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी द्वारा महाराष्ट्र की पंढरपुर वारकरी यात्रा पर दिए गए विवादित बयान पर उदय सामंत ने कहा कि पंढरपुर वारी यात्रा महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग है। अबू आजमी को विवादित बयान देकर खबरों में बने रहना और ब्रेकिंग न्यूज बनाना अच्छा लगता है, इसलिए उन्होंने ऐसा बयान दिया है। मंत्री ने आगे कहा कि वारी यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की आत्मा का प्रतीक है। इसे लेकर किसी भी तरह की राजनीतिक बयानबाजी या विवादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Point of View

ताकि सभी भाषाओं का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

तीन-भाषा नीति विवाद का कारण क्या है?
तीन-भाषा नीति विवाद का मुख्य कारण हिंदी भाषा को अनिवार्य करने का निर्णय है, जिसे मनसे ने गलतफहमी मानते हुए विरोध किया है।
उदय सामंत ने इस विवाद पर क्या कहा?
उदय सामंत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी पक्षों को बुलाकर स्पष्टता लाने का प्रयास किया है और मनसे की शंकाओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।