क्या जयचंद और मीरजाफर जैसे पापी देश को विभाजित कर रहे हैं? : मुख्यमंत्री योगी
सारांश
Key Takeaways
- जाति और क्षेत्र के नाम पर विभाजन को रोकना होगा।
- जयचंद और मीरजाफर की तरह गुनाहगारों से सावधान रहना चाहिए।
- राष्ट्र की एकता के लिए भेदभाव समाप्त करना आवश्यक है।
- वीर सिपाहियों और महापुरुषों का सम्मान करना चाहिए।
- प्रधानमंत्री मोदी के पंच प्रणों को अपनाना होगा।
गोरखपुर, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जाति, क्षेत्र और भाषा के आधार पर समाज और देश को विभाजित करने वाले तत्वों से सावधान रहने की अपील की। उनका कहना है कि ऐसे लोग जयचंद और मीरजाफर जैसे गुनाह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तोड़ने के लिए बहुत से लोग हैं। कोई जाति के नाम पर, कोई क्षेत्र के नाम पर और कोई भाषा के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहा है। ऐसे तत्व जब सत्ता में आते हैं, तो केवल अपने और अपने परिवार के बारे में सोचते हैं। वे अपने परिवार के लिए प्रॉपर्टी, विदेशों में होटल और द्वीप खरीदते हैं। ऐसे लोग देश को दरिद्र बनाने का षड्यंत्र करते हैं। जाति और क्षेत्र के नाम पर दी जाने वाली तात्कालिक सुविधाओं से समाज और देश का कल्याण नहीं हो सकता। देश का कल्याण तभी संभव है जब भेदभाव समाप्त हो और सभी में एकता हो।
मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को सैनिक स्कूल गोरखपुर में देश के पहले सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) जनरल बिपिन रावत के नाम पर बने ऑडिटोरियम के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। उन्होंने जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह प्रतिमा जनरल बिपिन रावत की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा स्थापित की गई है।
मुख्यमंत्री ने जनरल बिपिन रावत के जीवन पर आधारित एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में उन्होंने जनरल बिपिन रावत के व्यक्तित्व और राष्ट्र सेवा की याद की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकसित भारत के लिए दिए गए पंच प्रणों को अपनाने की अपील की।
सीएम योगी ने कहा कि आजादी के अमृत वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने आह्वान किया था कि आजादी के शताब्दी वर्ष तक हमें किस तरह का भारत चाहिए, इसके लिए एक कार्ययोजना बनानी होगी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कोई सच्चा भारतीय गरीब, असुरक्षित या कमजोर भारत चाहता होगा? और खुद ही इसका जवाब दिया कि एक सच्चा भारतीय एक मजबूत, विकसित और आत्मनिर्भर भारत ही चाहेगा। यदि कोई ऐसा नहीं चाहता है, तो वह सच्चा भारतीय नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को विकसित और सुरक्षित बनाना है तो पीएम मोदी द्वारा दिए गए पंच प्रणों को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। हमें अपने वीर सिपाहियों और महापुरुषों का सम्मान करना होगा। श्रीराम, श्रीकृष्ण, महाराणा प्रताप, छत्रपति वीर शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह, रानी लक्ष्मीबाई की विरासत और परंपरा पर गर्व करना होगा। अपनी विरासत और परंपरा को नजरअंदाज करके समाज प्रगति नहीं कर सकता। इसमें किसी भी तरह की असहमति नहीं होनी चाहिए। हमें गुलामी की मानसिकता को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। देश में बनी चीजें खराब और विदेशी चीजें अच्छी हैं, इस सोच को त्यागना होगा।
असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने कहा कि जनरल बिपिन रावत का देश हित में योगदान सैन्य सेवा के माध्यम से स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगा। वह बिना भय अपनी बात रखने वाले बेबाक इंसान थे। सैनिक जीवन में भावुकता का रिश्ता बहुत महत्वपूर्ण होता है और जनरल रावत इसे अच्छी तरह समझते थे। उन्होंने कठोरता और संयम के बीच समन्वय बनाते हुए कभी दूसरों की भावनाओं को आहत नहीं होने दिया। उन्होंने जो राह बनाई, वह सभी सैनिकों के लिए आदर्श और प्रेरक है।
पूर्व वायुसेना प्रमुख सेवानिवृत्त एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि जनरल बिपिन रावत की स्मृति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सैनिक स्कूल को दिया गया ऑडिटोरियम का उपहार सदैव यादगार रहेगा। यह सीएम योगी की तरफ से सच्ची श्रद्धांजलि है। इससे जनरल बिपिन रावत के नाम से वर्तमान और भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिलती रहेगी।