क्या मुंबई मोनोरेल दुर्घटना की उचित जांच होनी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- मुंबई मोनोरेल की दुर्घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- हुसैन दलवई ने उचित जांच की मांग की है।
- बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता है।
- बारिश के दौरान बिजली की कमी एक गंभीर समस्या है।
- राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चेंबुर क्षेत्र में मुंबई मोनोरेल का संचालन बिजली की अनुपलब्धता के कारण बाधित हो गया। इस घटना पर कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि इस मामले की सही जांच होनी चाहिए।
हुसैन दलवई ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि मोनोरेल दुर्घटना की उचित जांच अनिवार्य है क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में लोग यात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण और विस्तार नहीं हुआ है। पहले बसें बड़े पैमाने पर चलती थीं, लेकिन अब केवल किराए की बसें ही उपलब्ध हैं।
उन्होंने प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब मुंबई में बारिश हुई है; यह क्षेत्र स्वाभाविक रूप से भारी वर्षा वाला है। गटर के ऊपर लोग दुकानें चला रहे हैं और कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, इंडिया गठबंधन ने इस पद के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और गोवा के पूर्व लोकायुक्त जस्टिस (रिटायर्ड) बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। हुसैन दलवई ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने एक तरह से चुनौती प्रस्तुत की है, जिसका हम स्वागत करते हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हुए हमले पर दलवई ने कहा कि हम किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करते। हम गांधी के अनुयायी हैं। इस प्रकार का हमला गलत है। अगर जनसुनवाई में अपनी बात रखनी है तो सम्मानपूर्वक करें, इस प्रकार की अराजकता को प्रोत्साहित करना गलत है।