क्या सीएसडीएस अधिकारी पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, या चुनाव आयोग पर?

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग को सच्चाई को उजागर करना चाहिए।
- राज्य सरकार को समय पर कार्रवाई करनी चाहिए।
- राहुल गांधी में नेतृत्व की क्षमता है।
- नागरिकों की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
- लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखना आवश्यक है।
नागपुर, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र चुनाव से संबंधित विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट पर सीएसडीएस के संजय कुमार के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने राज्य सरकार और चुनाव आयोग पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
नाना पटोले ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य सरकार छह महीने की देरी से जागी है। चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आयोग वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की जानकारी और पांच बजे के बाद का वोटिंग फुटेज नहीं दे रहा है। वास्तविकता में एफआईआर चुनाव आयोग के ऊपर होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग राजनीतिक दल की तरह काम कर रहा है। आयोग को सवालों का जवाब देना अनिवार्य है। चुनाव आयोग को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और सच्चाई को लोगों के सामने लाना चाहिए। सीएसडीएस के अलावा, भविष्य में कई अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि सीएसडीएस पर दबाव बनाकर केस दर्ज किया गया है। उसके प्रमुख को डराया गया है, जिसके कारण उन्होंने माफी मांगी है। राहुल गांधी एक सच्चाई बोलने वाले व्यक्ति हैं। देवेंद्र फडणवीस को राहुल गांधी से माफी मांगनी होगी क्योंकि आप चुनाव आयोग की गलत वकालत कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री की कुर्सी जाने का समय आ गया है, इसलिए इस तरह का बिल लाया गया है। मनमोहन सिंह के समय में जो कानून पारित हुआ था, उसमें गुनहगार प्रवृत्ति के लोगों को चुनाव में खड़े होने का अधिकार नहीं था। अब लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म करने के लिए नए कानून लाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में देश को आगे बढ़ाने की क्षमता है। देश की जनता चाहती है कि राहुल गांधी अगले प्रधानमंत्री बनें।