क्या नेशनल हेराल्ड मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी?

सारांश
Key Takeaways
- नेशनल हेराल्ड मामला भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक तनाव को बढ़ा रहा है।
- सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप गंभीर हैं और इनका व्यापक प्रभाव हो सकता है।
- ईडी की जांच ने कई महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किए हैं।
- कांग्रेस नेताओं को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
- यह मामला देश की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार मामले में शनिवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई को स्थगित कर दिया गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होने जा रही है।
यह मामला भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर की गई एक शिकायत पर आधारित है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। स्वामी का कहना है कि 2,000 करोड़ रुपए की नेशनल हेराल्ड कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में हासिल किया गया है। उन्होंने इसे अवैध और धोखाधड़ी करार दिया है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की है। उनका आरोप है कि इस सौदे के माध्यम से कांग्रेस पार्टी की सहयोगी कंपनी यंग इंडियन ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर अवैध कब्जा किया।
इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अदालत से जमानत मिल चुकी है।
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता था। 2008 में वित्तीय संकट के कारण इसे बंद करना पड़ा, जिसके बाद यह विवाद शुरू हुआ। 2010 में यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) नाम की कंपनी बनी, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में आरोप लगाया कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एजेएल की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को केवल 50 लाख रुपए में हासिल किया और उन पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया। मामला अदालत में गया और बाद में ईडी ने इसकी जांच शुरू की।
ईडी की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि गांधी परिवार द्वारा लाभान्वित यंग इंडियन ने केवल 50 लाख रुपए में एजेएल की 2,000 करोड़ रुपए की संपत्तियां हासिल कीं, जबकि उनकी बाजार कीमत कहीं अधिक थी। नवंबर 2023 में ईडी ने लगभग 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां और 90.2 करोड़ रुपए के एजेएल शेयरों को जब्त किया, जिन्हें कथित तौर पर अपराध की आय माना गया है।