क्या बांग्लादेशी लड़की की तस्करी में एनआईए ने 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की?
सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
- आरोपियों ने लड़की को नौकरी दिलाने का झूठा वादा किया था।
- यह मामला ओडिशा में देह व्यापार से जुड़ा है।
- एनआईए ने गंभीर धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है।
- जांच जारी है ताकि सभी आरोपियों को पकड़ा जा सके।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक नाबालिग बांग्लादेशी लड़की की तस्करी के मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है। इन पर आरोप है कि इन्होंने नाबालिग को नौकरी दिलाने के बहाने बांग्लादेश से लाकर ओडिशा में देह व्यापार में धकेल दिया।
यह चार्जशीट भुवनेश्वर स्थित एनआईए की विशेष अदालत में प्रस्तुत की गई है। जांच से पता चला है कि आरोपियों ने लड़की के परिवार की गरीबी का फायदा उठाकर उसे नौकरी का लालच दिया और फिर उसे घिनौने काम में धकेल दिया। पैसे कमाने के लिए ये लोग लड़की को विभिन्न स्थानों पर ले गए और उस पर लगातार दबाव बनाते रहे।
यह मामला पहले ओडिशा पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, जिन्होंने पोक्सो कोर्ट में 6 आरोपियों के खिलाफ दो चार्जशीट भी दायर की थीं। हालांकि, मानव तस्करी की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने इस मामले को अपने हाथ में लिया। जांच के दौरान, एनआईए ने पश्चिम बंगाल के कई स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाए, जहां से दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
एनआईए ने आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट, मोबाइल डेटा और पैसों के लेन-देन की गहराई से जांच की। इस जांच के दौरान दो और सहयोगियों को पकड़ा गया, जो इस रैकेट का हिस्सा थे और लड़कियों की आवाजाही व सौदेबाजी में मदद करते थे।
एनआईए ने सभी 10 आरोपियों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है। आरोपियों पर पॉक्सो अधिनियम 2012 और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया गया है।
इस समय एनआईए इस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि सीमापार तस्करी, फर्जी दस्तावेज और देह व्यापार नेटवर्क से जुड़ा कोई भी आरोपी बच न पाए।