क्या नियमित शीर्षासन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का वरदान पाया जा सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- शीर्षासन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
- अभ्यास से पहले सावधानियाँ जरूरी हैं।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। योग का अभ्यास न केवल आपके अंतर्मन को प्रोत्साहित करता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है। एक ऐसा योगासन है, जिसे आसनों का राजा कहा जाता है। यह अभ्यास आपके शरीर को संतुलित करने के साथ-साथ मानसिक स्थिरता और एकाग्रता को भी बढ़ाता है।
शीर्षासन, जिसे हेडस्टैंड के नाम से भी जाना जाता है, मानव शरीर के सात चक्रों पर गहरा असर डालता है। 'शीर्ष' का अर्थ है 'सिर' और 'आसन' का अर्थ है 'मुद्रा'। यह योग के सबसे प्रतिष्ठित आसनों में एक है। इसे करने के लिए, व्यक्ति अपने शरीर को सिर और बाजुओं के सहारे उलटा खड़ा करता है।
जब आप शीर्षासन करते हैं, तो आपके हृदय से मस्तिष्क तक ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है। इसका प्रभाव आपकी त्वचा और बालों पर भी दिखाई देता है, जिससे त्वचा में चमक आती है और बालों का झड़ना कम होता है।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक योगा मैट बिछाएं। घुटनों के बल बैठकर, दोनों हाथों की उंगलियों को जोड़कर जमीन पर रखें। फिर अपने सिर को हथेलियों के बीच रखते हुए, धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं और संतुलन बनाएं। जब आपके शरीर का वजन सिर और बाजुओं पर महसूस होने लगे, तब घुटनों को मोड़कर धीरे से छाती के पास लाएं। यह शुरुआती लोगों के लिए एक उपयुक्त मुद्रा है।
यह आसन पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी है। यह पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, गैस और अपच को दूर करने में मदद करता है।
नियमित शीर्षासन से न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी सुधरता है। हालाँकि, इसके अभ्यास से पहले कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग या क्रोनिक पेन से पीड़ित लोगों को इसे न करने की सलाह दी जाती है।