क्या नोएडा अथॉरिटी की बड़ी कार्रवाई ने बिल्डरों को चेताया?
सारांश
Key Takeaways
- नोएडा अथॉरिटी ने बकाया राशि जमा न करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की है।
- ईओडब्लू को जांच के लिए पत्र भेजा गया है।
- बकाया राशि समय पर न जमा करने से विकास योजनाएं प्रभावित होती हैं।
- यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
- भविष्य में भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा प्राधिकरण ने बकाया राशि समय पर जमा न करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने दो प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) को जांच के लिए पत्र सौंपा है। यह कार्रवाई लंबे समय से बकाया भुगतान न करने और लगातार नोटिसों की अनदेखी के कारण की गई है।
जानकारी के अनुसार, सेक्टर-50 में स्थित मैसर्स टीजीबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और सेक्टर-143 में स्थित मैसर्स किण्डल इन्फ्राहाइट्स लिमिटेड पर नोएडा अथॉरिटी का भारी बकाया है। मैसर्स टीजीबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर लगभग 75 करोड़ 96 लाख रुपए का भुगतान लंबित है, जबकि मैसर्स किण्डल इन्फ्राहाइट्स लिमिटेड पर लगभग 396 करोड़ 36 लाख रुपए की देनदारी है।
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, दोनों कंपनियों को बकाया भुगतान के लिए कई बार नोटिस भेजे गए हैं। इसके बाद भी न तो पूरी राशि जमा की गई और न ही संतोषजनक उत्तर दिया गया। नियमों की लगातार अनदेखी और प्राधिकरण के निर्देशों का पालन न करने के चलते यह मामला अब आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा गया है, ताकि वित्तीय अनियमितताओं की गंभीर जांच की जा सके।
अधिकारियों का कहना है कि समय पर बकाया राशि जमा न होने से प्राधिकरण की विकास योजनाएं प्रभावित होती हैं। सड़कों, सीवरेज, जल आपूर्ति, पार्क और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास में यह धन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के बड़े बकायेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाना आवश्यक हो जाता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि यह पहली बार नहीं है जब नोएडा अथॉरिटी ने इस प्रकार की कार्रवाई की है। इससे पहले भी प्राधिकरण ने 7 अन्य बिल्डरों के खिलाफ दिल्ली स्थित ईओडब्लू को पत्र लिखकर जांच की सिफारिश की थी।
प्राधिकरण ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि नियमों का उल्लंघन करने और सरकारी बकाया दबाने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। यदि भविष्य में कोई बिल्डर बकाया भुगतान नहीं करता है, तो उसके खिलाफ इसी प्रकार की कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम न केवल राजस्व की वसूली के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है।