क्या हर शहरी परियोजना में 'जनहित सर्वोपरि' की भावना होगी? : सीएम योगी

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क्या हर शहरी परियोजना में 'जनहित सर्वोपरि' की भावना होगी? : सीएम योगी

सारांश

सीएम योगी ने शहरी पुनर्विकास नीति की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह नीति न केवल भवनों के पुनर्निर्माण को बल्कि शहरों के समग्र पुनर्जागरण को भी ध्यान में रखेगी। जानिए इस नीति की प्रमुख बातें और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • नई शहरी पुनर्विकास नीति का उद्देश्य समग्र विकास करना है।
  • जनहित सर्वोपरि की भावना हर परियोजना में होगी।
  • नीति में पारदर्शिता और न्यायसंगत दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • निवेशकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश और सुरक्षा मिलेगी।
  • नगरों की ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण किया जाएगा।

लखनऊ, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के नगरों में तेजी से हो रहे विकास को देखते हुए अब एक समग्र 'शहरी पुनर्विकास नीति' की आवश्यकता है। यह नीति केवल इमारतों के पुनर्निर्माण तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि शहरों के समग्र पुनर्जागरण का मार्ग प्रशस्त करेगी।

सीएम योगी ने कहा कि हमारे नगर केवल भवनों का समूह नहीं हैं, बल्कि जीवंत सामाजिक संरचनाएं हैं। इनके पुनर्जीवन के लिए ऐसी नीति बनाई जानी चाहिए जो आधुनिकता, परंपरा और मानवता का संतुलित समन्वय करे। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को आवास विभाग की बैठक में कहा कि नई नीति का उद्देश्य पुराने, जर्जर और अनुपयोगी क्षेत्रों को आधुनिक शहरी बुनियादी ढांचे, पर्याप्त सार्वजनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय संतुलन के साथ विकसित करना है।

उन्होंने कहा कि नीति में ऐसे प्रावधान किए जाने चाहिए जो निवास योग्य, सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित नगरों का निर्माण सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि नीति में भूमि पुनर्गठन, निजी निवेश को प्रोत्साहन, पारदर्शी पुनर्वास व्यवस्था और प्रभावित परिवारों की आजीविका की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। हर परियोजना में 'जनहित सर्वोपरि' की भावना हो तथा किसी की संपत्ति या जीविका पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इसके लिए न्यायसंगत और मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति में राज्य स्तरीय पुनर्विकास प्राधिकरण, परियोजनाओं की सिंगल विंडो अप्रूवल प्रणाली तथा पीपीपी मॉडल को प्राथमिकता दी जाए। निवेशकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश, प्रोत्साहन और सुरक्षा दी जाए, ताकि निजी क्षेत्र पुनर्विकास में सक्रिय भागीदारी कर सके। साथ ही हर परियोजना में हरित भवन मानक, ऊर्जा दक्षता और सतत विकास के प्रावधान अनिवार्य किए जाएं। नगरों की ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुराने बाजारों, सरकारी आवास परिसरों, औद्योगिक क्षेत्रों और अनधिकृत बस्तियों के लिए क्षेत्रवार अलग रणनीति तैयार की जाए। नीति में सेवानिवृत्त सरकारी आवासों, पुरानी हाउसिंग सोसाइटियों तथा अतिक्रमण प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्विकास को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि नई नीति का मसौदा जनप्रतिनिधियों, नगर निकायों और आम नागरिकों से प्राप्त सुझावों के आधार पर अंतिम रूप में तैयार किया जाए और शीघ्र मंत्रिपरिषद के अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जाए। सीएम योगी ने बाह्य विकास शुल्क को व्यावहारिक और जनहित के अनुरूप बनाए जाने की आवश्यकता जताई।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी प्रकार के भूमि उपयोग आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक और कृषि पर समान शुल्क दरें लागू हैं, जो व्यावहारिक नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नई व्यवस्था में स्थान और भूमि उपयोग के आधार पर शुल्क दरों में अंतर रखा जाए। सीएम योगी ने निर्देश दिए कि कृषि एवं औद्योगिक उपयोग की भूमि पर बाह्य विकास शुल्क, आवासीय और व्यावसायिक उपयोग की तुलना में कम होना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय नगर निकाय सीमा के भीतर और नगर निकाय सीमा के बाहर की भूमि पर भी शुल्क की दरों में अंतर किया जाए, ताकि निवेशकों और आम नागरिकों दोनों के हितों का संतुलन बना रहे। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें सामान्य व्यक्ति भी बिना किसी परेशानी के स्वयं अपने शुल्क की गणना कर सके। इसके लिए शुल्क निर्धारण का फॉर्मूला स्पष्ट, ऑनलाइन और न्यूनतम मानव हस्तक्षेप वाला होना चाहिए।

Point of View

जिसे न्यायसंगत और मानवीय दृष्टिकोण के साथ लागू किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि विकास का लाभ सभी वर्गों तक पहुंचे।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

सीएम योगी ने शहरी पुनर्विकास नीति के बारे में क्या कहा?
सीएम योगी ने कहा कि नई शहरी पुनर्विकास नीति केवल भवनों के पुनर्निर्माण तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह शहरों के समग्र पुनर्जागरण का मार्ग प्रशस्त करेगी।
नई नीति में क्या प्रावधान होंगे?
नई नीति में निवास योग्य, सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित नगरों का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए भूमि पुनर्गठन, निजी निवेश को प्रोत्साहन और पारदर्शी पुनर्वास व्यवस्था जैसे प्रावधान होंगे।