क्या ओडिशा में एमएलए-एलएडी और सीएम सहायता योजना के लिए नया पोर्टल लॉन्च हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- नया पोर्टल एमएलए-स्थानीय क्षेत्र विकास योजना और मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना को सरल बनाएगा।
- परियोजनाओं की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
- जनहित से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
- सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी होंगी।
- विधायकों को रीयल-टाइम स्थिति देखने का मौका मिलेगा।
भुवनेश्वर, १३ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने बुधवार को एमएलए-स्थानीय क्षेत्र विकास योजना और मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के लिए एक नया वेबसाइट पोर्टल लॉन्च किया।
इस अवसर पर उन्होंने दोनों योजनाओं के लिए सरल और पारदर्शी दिशानिर्देशों का विमोचन भी किया। यह कार्यक्रम लोक सेवा भवन में सभी कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में कैबिनेट बैठक से पहले आयोजित हुआ।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, इन योजनाओं के दिशा-निर्देशों को और सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाया गया है। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर आवश्यक आधारभूत ढांचे के विकास के लिए परियोजनाओं को जल्दी और पारदर्शी तरीके से लागू करना है।
अब आवश्यक और जनहित से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि गैर-जरूरी परियोजनाओं को योजना से बाहर रखा जाएगा। परियोजना की सिफारिश से लेकर वर्क ऑर्डर जारी होने तक की समयसीमा ३० दिन निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के नियम भी सरल किए गए हैं।
इस नए पोर्टल के माध्यम से विधायकों द्वारा सिफारिश की गई परियोजनाओं की शुरुआत से लेकर पूरा होने तक की सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसमें प्रस्ताव भेजना, जरूरतों का आकलन, योजना बनाना, लागत का अनुमान, स्वीकृति, वर्क ऑर्डर जारी करना, निगरानी, खर्च का लेखा-जोखा और समय पर पूरा करना शामिल है।
विधायक अपने प्रस्तावित कार्यों की रीयल-टाइम स्थिति देख सकेंगे। आम नागरिक भी अपने क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं की पूरी जानकारी पोर्टल पर देख सकेंगे।
एमएलए-एलएडी योजना की शुरुआत वर्ष १९९७-९८ में हुई थी, जिसका उद्देश्य छोटा लेकिन आवश्यक सार्वजनिक बुनियादी ढांचा विकसित करना था। शुरुआत में प्रति विधानसभा क्षेत्र ५ लाख रुपए की राशि निर्धारित थी, जो समय के साथ बढ़ती गई।
वित्तीय वर्ष २०२५-२६ में यह राशि ५ करोड़ रुपए प्रति विधानसभा क्षेत्र कर दी गई है।
नए दिशानिर्देश राज्य के मुख्य सचिव और विकास आयुक्त की निगरानी में तैयार किए गए हैं। इसमें विधायकों और विधानसभा समिति के सदस्यों से मिले सुझावों को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही, पड़ोसी राज्यों की योजनाओं और जमीनी हकीकत का अध्ययन भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया में शामिल सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।