क्या पंजाब सरकार ने 'रोहू' को राज्य मछली के रूप में घोषित किया?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- रोहू को राज्य मछली घोषित किया गया है।
- पंजाब में जलीय क्षेत्र 43,683 एकड़ है।
- रोहू का उत्पादन 42,353 मीट्रिक टन है।
- मछली पालन के लिए 30.63 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है।
- रोहू मछली प्रोटीन और ओमेगा-3 से भरपूर है।
चंडीगढ़, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने राज्य की जलीय जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रोहू (लाबेओ रोहिता) को राज्य मछली घोषित किया। खुडियां ने राज्य के समृद्ध जलीय संसाधनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंजाब का जलीय क्षेत्र फल-फूल रहा है, जहां 43,683 एकड़ भूमि मछली पालन के लिए समर्पित है, जिससे प्रतिवर्ष 2,00,000 मीट्रिक टन मछली प्राप्त होती है।
इसमें रोहू का महत्वपूर्ण योगदान है, जिसका उत्पादन 42,353 मीट्रिक टन (कुल उत्पादन का 21.18 प्रतिशत) है। इसकी कीमत 160-200 रुपए प्रति किलोग्राम है।
यह बेशकीमती मछली अपने फ्यूसीफॉर्म शरीर और बड़े चक्राकार शल्कों के कारण प्राकृतिक आवासों में 45 किलोग्राम तक बढ़ सकती है। उन्होंने आगे बताया कि रोहू मछली प्रोटीन, विटामिन ए, बी और D तथा ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर है, जिसके कारण यह न सिर्फ पंजाब में, बल्कि अन्य राज्यों में भी एक पसंदीदा व्यंजन है। मंत्री खुडियां ने रोहू को राज्य मछली घोषित करने पर मत्स्य विभाग और हितधारकों को बधाई दी। इस क्षेत्र के विकास में उनकी भूमिका को स्वीकार किया, साथ ही भारतीय प्रमुख कार्प (आईएमसी) रोहू, कतला और मृगल के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रधान सचिव राहुल भंडारी ने कहा कि रोहू को राज्य मछली घोषित करने से जलाशयों में इसकी संख्या बढ़ाने और जलीय कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए लक्षित नीति तैयार करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पीएमएमएसवाई योजना के तहत बड़े पैमाने पर मछली पालन को बढ़ावा देते हुए 30.63 करोड़ रुपए की सब्सिडी के साथ मछली पालन में 637 लाभार्थियों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।
इस पहल का उद्देश्य कृषि को बढ़ावा देना और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर मत्स्य पालन निदेशक गुरप्रीत सिंह और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बता दें कि रोहू भारत की सबसे लोकप्रिय मीठे पानी की मछली प्रजातियों में से एक है, और देश की पाक परंपराओं और जलीय कृषि उद्योग में इसका एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन और आवश्यक खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            