क्या पश्चिम बंगाल में ईवीएम और वीवीपीएटी की एफएलसी वर्कशॉप आयोजित की गई?

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क्या पश्चिम बंगाल में ईवीएम और वीवीपीएटी की एफएलसी वर्कशॉप आयोजित की गई?

सारांश

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए ईवीएम और वीवीपीएटी की फर्स्ट लेवल चेकिंग के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के निर्वाचन अधिकारी शामिल हुए। जानें इस वर्कशॉप की महत्वपूर्ण जानकारी और आगामी चुनावों की तैयारी के बारे में।

Key Takeaways

  • ईवीएम और वीवीपीएटी की कार्यप्रणाली का प्रशिक्षण
  • मशीनों की सुरक्षा विशेषताएं
  • रैंडमाइजेशन और कमीशनिंग की प्रक्रिया
  • मतदान और गणना प्रक्रियाओं की जानकारी
  • डाउट-क्लियरिंग सेशन का महत्व

कोलकाता, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 की तैयारी को और अधिक मजबूत बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) के लिए शुक्रवार को ताल कुटीर कन्वेंशन सेंटर, न्यू टाउन, कोलकाता में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में राज्य के 24 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), एडीएम (इलेक्शन), जिला ईवीएम नोडल अधिकारी और सभी फर्स्ट लेवल चेकिंग सुपरवाइजर शामिल हुए। इस वर्कशॉप का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पश्चिम बंगाल मनोज कुमार अग्रवाल और चुनाव आयोग के सीनियर डेप्युटी इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने किया।

दिनभर चले इस प्रशिक्षण सत्र में विशेषज्ञों ने ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों के कार्यप्रणाली पर विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही मशीन संचालन, रैंडमाइजेशन, कमीशनिंग, मतदान प्रक्रिया, गणना और पोस्ट-काउंटिंग प्रोटोकॉल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की गई।

ईसीआईएल के विशेषज्ञ पीसी मंडल ने मशीनों की सुरक्षा विशेषताएं, तकनीकी संरचना और उनकी विश्वसनीयता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं, चुनाव आयोग के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन डिवीजन के सेक्रेटरी मधुसूदन गुप्ता ने फर्स्ट लेवल चेकिंग और चुनाव प्रक्रिया में होने वाली सामान्य गलतियों के बारे में जानकारी दी और उनसे बचने के उपाय भी बताए।

इस वर्कशॉप में बड़ी संख्या में ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं, जिनका लाइव ऑपरेशन और तकनीकी प्रदर्शन इंजीनियरों द्वारा किया गया। प्रतिभागियों ने पूरे सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया और मशीनों से जुड़े सभी तकनीकी और प्रक्रियात्मक पहलुओं की विस्तृत समझ हासिल की।

कार्यक्रम के अंत में एक डाउट-क्लियरिंग सेशन आयोजित किया गया, जिसके बाद प्रतिभागियों को एक इवैल्यूएशन एक्सरसाइज कराई गई। सभी अधिकारियों ने लिखित घोषणा दी कि उन्हें सत्र में कवर किए गए सभी विषय पूरी तरह से समझ में आ गए हैं और कोई भी प्रश्न लंबित नहीं हैं।

यह वर्कशॉप आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मशीनों की पारदर्शिता, विश्वसनीयता और सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

यह वर्कशॉप 27 नवंबर 2025 से राज्य के 10 जिलों में शुरू होने वाली फर्स्ट लेवल चेकिंग प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई थी। पूरी एफएलसी प्रक्रिया 15 जनवरी 2026 तक चलेगी और कुल 52 स्थानों पर यह कार्य संपन्न होगा।

Point of View

NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

ईवीएम और वीवीपीएटी क्या हैं?
ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपीएटी (वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) चुनाव प्रक्रिया में उपयोग होने वाली तकनीक हैं।
फर्स्ट लेवल चेकिंग का क्या महत्व है?
फर्स्ट लेवल चेकिंग मशीनों की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
यह वर्कशॉप किसके लिए आयोजित की गई थी?
यह वर्कशॉप आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए निर्वाचन अधिकारियों के लिए आयोजित की गई थी।
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