क्या पश्चिम बंगाल में हिंदू वास्तव में दूसरे दर्जे के नागरिक बनते जा रहे हैं? : सुकांत मजूमदार
सारांश
Key Takeaways
- सुकांत मजूमदार का बयान हिंदू समुदाय की स्थिति को दर्शाता है।
- वक्फ कानून को लेकर टीएमसी का रवैया विवादास्पद है।
- पश्चिम बंगाल में राजनीतिक असुरक्षा का माहौल है।
कोलकाता, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के नेता एवं केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा वक्फ कानून के विरोध और टीएमसी प्रतिनिधिमंडल द्वारा चुनाव आयोग के दौरे पर मीडिया के प्रश्नों का उत्तर दिया।
वक्फ कानून पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ममता बनर्जी और टीएमसी मुसलमानों को धोखा देने में कुशल हैं। बंगाल के मुसलमानों को जितनी जल्दी समझ आ जाए, उतना ही अच्छा है, क्योंकि वक्फ कानून भारत के संविधान के तहत लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुआ है। संविधान कहता है कि संसद द्वारा बनाए गए कानून को हर राज्य को मानना होगा। यदि संविधान की शपथ लेने वाले ही संविधान का सम्मान नहीं कर रहे हैं, तो यह स्थिति अस्वीकार्य है।
टीएमसी सांसदों द्वारा एसआईआर के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत पर सुकांत मजूमदार ने कहा, "आपको यह प्रश्न उनसे पूछना चाहिए। उन्होंने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और क्या निर्णय आया? सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि एसआईआर में कोई बदलाव नहीं होगा। बंगाल में टीएमसी विधायक द्वारा बाबरी मस्जिद को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की मानसिकता यही है। पश्चिम बंगाल में हिंदू दूसरे दर्जे के नागरिक बनते जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटना के बारे में सुकांत मजूमदार ने कहा कि कई पत्रकारों ने इसे कवर किया। मैंने भी इस घटना के बारे में एक्स पर पोस्ट किया। अब पुलिस ने एक हलफनामा देने को कहा है, जिसमें कहा गया है कि सरकार और पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, तभी मामला रद्द होगा।
उन्होंने कहा कि सभी रिपोर्टर्स और यूट्यूबर्स ने शपथ पत्र दे दिया है। हमने इस मामले को खत्म करने और पुलिस के झंझट से बचाने के लिए इस संबंध में कोई कार्रवाई न करने का निर्णय लिया है।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले हावड़ा में दो टीएमसी कार्यकर्ताओं पर गोली चलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक प्रधान पर गोली चली है। जिस प्रधान पर गोली चल रही है, उसे कोई बचाने नहीं आ रहा है। यह दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर टीएमसी नेताओं की साख क्या है। उन्होंने कहा कि यह घटना सैंड सिंडिकेट से जुड़ी हुई है। पश्चिम बंगाल में प्रधान, विधायक और सांसद पैसा खा रहे हैं।