क्या पिता बिशन सिंह बेदी की पुण्यतिथि पर भावुक हुए अंगद बेदी?

सारांश
Key Takeaways
- पिता और बेटे के रिश्ते का महत्व समझें।
- संघर्ष के बावजूद सपनों को पूरा करना संभव है।
- परिवार के सदस्यों के साथ समझौते करना आवश्यक है।
- अंगद बेदी की कहानी प्रेरणादायक है।
- खेल और मनोरंजन के क्षेत्र में करियर के विकल्प।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पिता और बेटे का रिश्ता बहुत गहरा होता है। पिता के जाने के बाद यह महसूस होता है कि बिना छत के दुनिया में जीना कितना कठिन है।
बॉलीवुड एक्टर अंगद बेदी ने अपने पिता बिशन सिंह बेदी की पुण्यतिथि पर कुछ बेहद प्यारी फोटोज के साथ अपने फैंस का दिल जीत लिया।
अंगद ने अपने पिता और पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी के साथ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, जिसमें वे अपने बूढ़े पिता को सहारा देते हुए नजर आ रहे हैं। दोनों के चेहरे पर एक अद्भुत खुशी है।
अंगद ने फोटो शेयर कर कैप्शन में लिखा, "यादों में मैं आपको अपने साथ रखता हूं। जब तक हम फिर से न मिलें।"
2023 में बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया था। क्रिकेटर को घुटनों में समस्या थी, जिसका ऑपरेशन भी हुआ था, लेकिन संक्रमण पूरे शरीर में फैल गया। बिशन सिंह उम्र संबंधी बीमारियों से भी जूझ रहे थे।
अंगद और बिशन सिंह बेदी के बीच लंबे समय तक मतभेद रहे। अंगद ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि उनके पिता चाहते थे कि वह क्रिकेट में अपना करियर बनाएं।
शुरुआत में उन्होंने दिल्ली के लिए अंडर-19 स्तर पर क्रिकेट खेला था, लेकिन वह अमिताभ बच्चन को बहुत पसंद करते थे और उन्हीं की तरह पर्दे पर चमकना चाहते थे। जब उन्होंने अपने पिता बिशन सिंह के सामने अपने सपने रखे तो वह नाराज हो गए। दोनों के बीच 20 साल तक बातचीत नहीं हुई।
जब अंगद ने फिल्मों में डेब्यू किया और पहचान बनाई, तब जाकर अमिताभ बच्चन के माध्यम से पिता और बेटे के बीच सुलह हुई।
अंगद बेदी को फिल्म 'फालूत' से बॉलीवुड में पहचान मिली थी, इसके बाद उन्होंने 'डियर जिंदगी', 'उंगली', 'पिंक', 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल', और 'सूरमा' जैसी फिल्मों में काम किया। हालांकि, आज भी एक्टर लीड रोल की फिल्मों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
-- राष्ट्र प्रेस
पीएस/एबीएम