क्या पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामफोसा जी-20 समिट में भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी को मजबूत करेंगे?

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क्या पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामफोसा जी-20 समिट में भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी को मजबूत करेंगे?

सारांश

क्या पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामफोसा जी-20 समिट में भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी को और मजबूत करने में सफल होंगे? जानें दोनों नेताओं के बीच होने वाली महत्वपूर्ण मुलाकात के बारे में जो दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा दे सकती है।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामफोसा की महत्वपूर्ण मुलाकात
  • भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी की मजबूती
  • सुरक्षा सहयोग, व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा
  • वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए सहयोग की नई संभावनाएं
  • बरक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग

नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अगले सप्ताह जोहान्सबर्ग में होने वाले जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा की मुलाकात होने जा रही है। इस मुलाकात से पहले, दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय चर्चा के लिए एक विस्तृत एजेंडा तैयार किया गया है।

भारत में दक्षिण अफ्रीका के उच्चायुक्त अनिल सूकलाल ने शनिवार को राष्ट्र प्रेस से एक विशेष बातचीत में यह जानकारी साझा की।

उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े शहर और आर्थिक केंद्र जोहान्सबर्ग में 22 और 23 नवंबर को जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस दौरान, दक्षिण अफ्रीकी राजनयिक ने कहा कि राष्ट्रपति रामफोसा और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बैठक न केवल वर्तमान द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति को स्पष्ट करेगी, बल्कि सुरक्षा सहयोग, जनसंपर्क आदि के क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसरों पर भी चर्चा करेगी।

उन्होंने कहा कि भारत रंगभेद के खिलाफ हमारी लड़ाई में और हमारी मुक्ति की लड़ाई में समर्थन देने वाले पहले देशों में से एक था। 1994 में लोकतंत्र की स्थापना के बाद से हमारे संबंधों में उल्लेखनीय विकास हुआ है। भारत हमारे लिए तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और हमारे सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक सहयोगियों में से एक है। हमारे रिश्ते की नींव गहरी है। बहुपक्षीय क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार के संदर्भ में हमारा सहयोग बहुत जीवंत और लगातार बढ़ता जा रहा है।

अनिल सूकलाल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जब प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामफोसा अगले हफ्ते द्विपक्षीय बैठक के लिए मिलेंगे, तो वे संबंधों की स्थिति पर विचार करेंगे और इसके साथ ही सुरक्षा सहयोग, जनसंपर्क जैसे क्षेत्रों में इस महत्वपूर्ण रिश्ते को और मजबूत करने के लिए सहयोग के नए क्षेत्रों पर भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा, व्यापार और निवेश, सांस्कृतिक सहयोग, खेल और संस्कृति हमारे संबंधों को सुदृढ़ करने के प्रमुख स्तंभ हैं।

उन्होंने कहा कि भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी एक साझा इतिहास पर आधारित है और एक ऐतिहासिक संबंध बना हुआ है।

राजदूत सूकलाल ने यह भी बताया कि वैश्विक दक्षिण के देश होने के नाते, भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों ने शोषण और उपनिवेशवाद का अनुभव किया है और एक कठिन अतीत से उभरे हैं, लेकिन आज हम दोनों वैश्विक दक्षिण के अग्रणी देश हैं। हम कई वैश्विक दक्षिण संरचनाओं के सदस्य हैं। ब्रिक्स एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां हम अपने अन्य ब्रिक्स भागीदारों के साथ मिलकर काम करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हम जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के लिए भारत के साथ मिलकर कार्य करते हैं। निश्चित रूप से, वैश्विक बहुपक्षीय व्यवस्था, विश्व व्यापार संगठन और संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था में भी हमारा सहयोग है, लेकिन द्विपक्षीय स्तर पर हमारे पास एक साझा इतिहास है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच की यह बैठक केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर नहीं है, बल्कि यह वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है। दोनों देशों के बीच का सहयोग न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

जी-20 समिट कब हो रहा है?
जी-20 समिट 22 और 23 नवंबर को जोहान्सबर्ग में हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामफोसा के बीच मुलाकात का उद्देश्य क्या है?
उनकी मुलाकात का उद्देश्य भारत-दक्षिण अफ्रीका के संबंधों को मजबूत करना और सुरक्षा, व्यापार एवं सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा करना है।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के संबंधों का इतिहास क्या है?
भारत और दक्षिण अफ्रीका के संबंध रंगभेद के खिलाफ संघर्ष में समर्थन देने वाले ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित हैं।
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