क्या पीएम मोदी का 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला सराहनीय है?

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क्या पीएम मोदी का 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला सराहनीय है?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ मनाने के निर्णय की भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने प्रशंसा की है। यह निर्णय सिख इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करता है और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है। जानें इस फैसले की महत्वता और इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • वीर बाल दिवस का उद्देश्य बच्चों को सिखाना है।
  • साहिबजादों का बलिदान प्रेरणा का स्रोत है।
  • राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का प्रयास।
  • शिक्षा में इतिहास का महत्व।
  • सामाजिक सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता।

मुंबई, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने के निर्णय की भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने प्रशंसा की। उनका कहना है कि यह निर्णय देश के लिए अत्यंत प्रेरणादायक और ऐतिहासिक है।

उन्होेंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि इस प्रयास से पूरे देश के स्कूलों में बच्चों को सिख इतिहास और गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। उन्होंने यह भी बताया कि दशमेश गुरु गोबिंद सिंह के 6 और 9 वर्ष की आयु में पुत्र बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को मुगलों ने इस्लाम स्वीकार करने के लिए लालच दिया, लेकिन उन्होंने अपने धर्म से समझौता करने से मना कर दिया। इसके बाद मुगलों ने उन्हें दीवारों में चुनवा दिया। संजय उपाध्याय ने कहा कि इस छोटी उम्र में धर्म और सिद्धांतों के लिए दिया गया यह बलिदान आज भी पूरे देश को साहस और दृढ़ता की प्रेरणा देता है।

विदेश नीति के संदर्भ में कांग्रेस सांसद शशि थरूर की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करते हैं और उनकी हार की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि शशि थरूर का यह बयान कि प्रधानमंत्री मोदी की हार देश की हार मानी जाती है, पूरी तरह से सही है।

संजय उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि यदि देश ही हार गया तो फिर कोई नहीं बचेगा। उन्होंने शशि थरूर के इस बयान का समर्थन करते हुए कहा कि भले ही राजनीति स्थानीय स्तर पर लड़ी जाती हो, लेकिन वैश्विक मंच पर हम सभी भारतीय हैं और देश के सम्मान के लिए एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। शशि थरूर ने इस मुद्दे पर राष्ट्रहित में सही रुख अपनाया है।

वहीं, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर भारत द्वारा की गई निंदा का समर्थन करते हुए संजय उपाध्याय ने कहा कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाकर की गई हिंसक घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी हिंदू मंदिरों और परिवारों पर हमले हुए हैं, घरों में लूटपाट की गई है और महिलाओं व बच्चों तक को निशाना बनाया गया है। इसकी खुलकर निंदा होनी चाहिए।

संजय उपाध्याय ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को सुरक्षित और सम्मानपूर्वक जीवन जीने का पूरा अधिकार है। यह देश के सभी हिंदुओं की सामूहिक भावना है और उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करे और आवश्यक कदम उठाए।

Point of View

बल्कि यह बच्चों को प्रेरणा देने और सिख संस्कृति के प्रति सम्मान बढ़ाने का एक प्रयास है। देश की एकता और सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने इतिहास को समझें और उसका सम्मान करें।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

वीर बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?
वीर बाल दिवस सिख इतिहास के साहिबजादों के बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी का इस दिन के बारे में क्या कहना है?
प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि यह निर्णय बच्चों को सिख इतिहास से जोड़ने का एक प्रयास है।
संजय उपाध्याय ने इस निर्णय पर क्या प्रतिक्रिया दी?
संजय उपाध्याय ने इस निर्णय को प्रेरणादायक और ऐतिहासिक बताया है।
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