क्या पुणे शहर का सपना पूरा हुआ? मिलिंद एकबोटे का बयान

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क्या पुणे शहर का सपना पूरा हुआ? मिलिंद एकबोटे का बयान

सारांश

पुणे के कोंढवा इलाके में एक कत्लखाना बंद होने की खबर ने क्षेत्र में खुशी का माहौल बना दिया है। मिलिंद एकबोटे का कहना है कि यह शहर का पुराना सपना था। इस घटना से जुड़े और भी मुद्दों पर चर्चा करते हुए उन्होंने प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।

Key Takeaways

  • पुणे में एक कत्लखाना बंद हुआ है।
  • यह शहर का एक पुराना सपना था।
  • गौरक्षकों ने प्रशासन पर दबाव डाला।
  • बंद कत्लखाने के बावजूद, अन्य कत्लखाने अभी भी सक्रिय हैं।
  • पुलिस अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता है।

पुणे, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के कोंढवा क्षेत्र में एक कत्लखाना बंद हो गया है। इस पर हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता और गौ रक्षक मिलिंद एकबोटे ने गुरुवार को कहा कि यह शहर का एक पुराना सपना था, जो अब साकार हुआ है।

मिलिंद एकबोटे ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "पुणे शहर की इच्छा पूरी हो गई है। पुणे को कत्लखाना मुक्त होना चाहिए। यह विचार लोगों में बहुत समय से था, जो अब पूरा हो गया है। संविधान में लिखा है कि मनुष्यों के लिए उपयुक्त चीजों की रक्षा होनी चाहिए। लेकिन संविधान का अपमान करते हुए यहां बहुत सारे गैरकानूनी काम चल रहे थे।"

उन्होंने बताया कि गौरक्षकों ने अथक प्रयासों और संघर्ष के बाद प्रशासन को इस कत्लखाने को बंद करने के लिए मजबूर कर दिया।

एकबोटे ने महानगरपालिका प्रशासन और भ्रष्ट सरकारी तंत्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी जनता के स्वास्थ्य के प्रति कोई चिंता नहीं है। पुणे में अभी भी 25 से 30 गैरकानूनी कत्लखाने हैं, जहां गाय और भैंसों की हत्या की जा रही है।

उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया कि ऐसी नीति बनाई जाए कि यदि किसी पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में कत्लखाना चलता है, तो उस अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाए।

एकबोटे ने कहा कि जितना कसाई गलत है, उतना ही गोरक्षक पर झूठे केस लगाने वाला पुलिसकर्मी भी गलत है। पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि 'विटामिन एम' (पैसा) पर नहीं, 'विटामिन एन' (राष्ट्रवाद) पर ध्यान दें।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पुणे में कत्लखाना बंद होने की घटना न केवल कानून और व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में संवेदनशीलता और नैतिकता के प्रति एक सकारात्मक संकेत भी है। प्रशासन को जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति जवाबदेह बनाना आवश्यक है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

कत्लखाना क्यों बंद किया गया?
कत्लखाना बंद करने का निर्णय लोगों की सुरक्षा और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
मिलिंद एकबोटे का क्या कहना है?
मिलिंद एकबोटे ने इसे पुणे का पुराना सपना पूरा होने के रूप में देखा है।
क्या पुणे में अन्य कत्लखाने भी बंद होंगे?
मिलिंद एकबोटे ने प्रशासन से अन्य गैरकानूनी कत्लखानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।