क्या हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई?

सारांश
Key Takeaways
- हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स की स्थापना।
- बाजार पहुंच और प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने पर जोर।
- सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की योजना।
- कारीगर समूहों का गठन और सामान्य सुविधा केंद्रों की स्थापना।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पूर्वोत्तर में हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में भाग लिया।
बैठक की अध्यक्षता नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने की और इसमें केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, असम के हथकरघा एवं वस्त्र मंत्री उरखाओ ग्वारा ब्रह्मा और मणिपुर सरकार एवं केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "फैशन फॉर एनवायरनमेंट एंड एम्पावरमेंट" के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की सतत फैशन क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर की अद्वितीय क्षमता पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को आजीविका सृजन, नवाचार को प्रोत्साहित करने और भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए अपनी समृद्ध विरासत का लाभ उठाना चाहिए।
बैठक में बेहतर बाजार पहुंच, प्रौद्योगिकी का उपयोग, क्षमता निर्माण और सतत आजीविका सृजन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
टास्क फोर्स का उद्देश्य क्षेत्र में सतत विकास और समावेशी प्रगति के लिए हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र को बढ़ावा देने में सभी हितधारकों के साथ सहयोग करना है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बेहतर बुनियादी ढांचे, डिजिटल एकीकरण और कौशल विकास के जरिए इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए एक रणनीतिक योजना प्रस्तुत की। इसमें कारीगर समूहों का गठन, सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित करना और राष्ट्रीय प्रचार के लिए 2-3 प्रमुख उत्पादों का चयन करना शामिल है। यह दृष्टिकोण स्थानीय शिल्प को वैश्विक मानकों से जोड़कर बाजार की तत्परता पर जोर देता है।