क्या 'वन स्टेशन, वन उत्पाद' योजना से पुष्कर के लोकल प्रोडक्ट को मिल रही है नई पहचान?

सारांश
Key Takeaways
- वन स्टेशन, वन उत्पाद योजना ने स्थानीय उत्पादों को एक बड़ा मंच दिया है।
- पुष्कर के उत्पादों को नई पहचान मिल रही है।
- स्थानीय व्यापारियों और उत्पादकों को आर्थिक सशक्तिकरण का लाभ मिल रहा है।
- योजना ने लोकल फॉर वोकल की अवधारणा को मजबूती दी है।
- अजमेर स्टेशन पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है।
अजमेर, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकल फॉर वोकल को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। भारत सरकार के रेल मंत्रालय की 'वन स्टेशन, वन उत्पाद' (ओएसओपी) योजना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके तहत राजस्थान के अजमेर स्टेशन पर लगाए गए स्टॉल्स लोगों का ध्यान खींच रहे हैं।
अजमेर स्टेशन पर 'एक स्टेशन, एक उत्पाद' योजना के अंतर्गत कई स्थानीय उत्पाद बेचे जा रहे हैं। इससे पुष्कर के लोकल प्रोडक्ट्स को नई पहचान मिल रही है। इस योजना के जरिए जहां उत्पादक आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं, वहीं स्थानीय व्यापारियों और शिल्पकारों को भी बढ़ावा
अजमेर स्टेशन पर 'ओएसओपी' स्टॉल के संचालक सचिन गुलवानी ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "हमने पुष्कर के सभी बेहतरीन उत्पादों को अपने स्टॉल पर रखा है। जैसे कि गुलाबचंद, गुलकंद, शरबत, आंवला मुरब्बा और आंवला कैंडी। जब हमें इस योजना के बारे में पता चला तो हमने यह दुकान खोली। यह दुकान बहुत अच्छी चल रही है।"
महिला ग्राहक काजल कश्यप ने कहा, "केंद्र सरकार की 'एक स्टेशन, एक उत्पाद' योजना को आज पूरे देश में लोग पसंद कर रहे हैं। अजमेर रेलवे स्टेशन पर भी इस योजना के तहत स्टॉल लगाया गया है, जहां पुष्कर के लोकल प्रोडक्ट्स बिक रहे हैं। मैं जब भी यहां आती हूं, आंवला कैंडी और गुलाब जल लेकर जाती हूं। यह योजना बहुत अच्छी है।"