क्या जयपुर के सीजीएसटी अधिकारी पर सीबीआई का शिकंजा, 2.54 करोड़ डीए केस और पोर्श-जीप जब्त?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने जयपुर के सीजीएसटी अधिकारी पर कार्रवाई की।
- आरोपी पर 2.54 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति का आरोप।
- तलाशी में लग्जरी गाड़ियां और आभूषण जब्त हुए।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
- व्यापारियों ने रिश्वत मांगने की शिकायत की थी।
जयपुर, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने जयपुर के सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर) के सहायक आयुक्त के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला दर्ज किया है।
मंगलवार को दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने अगस्त 2018 से अगस्त 2025 के बीच जयपुर और अहमदाबाद में करीब 2.54 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की है। यह राशि उनके ज्ञात आय स्रोतों से लगभग 100 प्रतिशत अधिक है, जिसका कोई संतोषजनक हिसाब नहीं दिया गया है।
सीबीआई का दावा है कि आरोपी ने अपने और अपने परिवार के नाम पर फर्मों, एलएलपी और कंपनियों का उपयोग करके काला धन सफेद किया। तलाशी अभियान के दौरान जयपुर, अंकलेश्वर और अहमदाबाद में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें करीब 35 लाख रुपए के सोने-चांदी के आभूषण बरामद हुए।
राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर कई अचल संपत्तियां मिलीं, जिनमें लग्जरी फ्लैट और प्लॉट शामिल हैं। परिवार के पास पोर्श और जीप कंपास जैसी हाई-एंड गाड़ियां भी जब्त की गईं। दो बैंक लॉकर भी सील कर दिए गए हैं, जिनकी जांच जारी है। सीबीआई के सूत्रों ने बताया, "आरोपी ने टैक्स मामलों में रिश्वत लेकर संपत्ति बनाई। फर्मों के जरिए पैसे का लेन-देन हुआ।"
आरोपी की पोस्टिंग के दौरान कई व्यापारियों ने शिकायत की थी कि फाइल क्लियर करने के बदले मोटी रकम मांगी जाती थी। एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "जीएसटी रिफंड में देरी कर रिश्वत ली जाती थी। अब सीबीआई की कार्रवाई से राहत मिलेगी।"
सीबीआई ने दस्तावेजों में पाया कि परिवार के नाम पर दर्ज फर्मों का कोई वास्तविक कारोबार नहीं था, बल्कि ये केवल कागज पर दर्ज थीं। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से कई अधिकारी रडार पर हैं। सीबीआई के एंटी-करप्शन ब्रांच ने पिछले साल अहमदाबाद में एक डिप्टी कमिश्नर को 1.8 करोड़ डीए में पकड़ा था।
—राष्ट्र प्रेस
एससीएच
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            