क्या राजस्थान से अपहृत 3 महीने के बच्चे को 18 घंटे में बरामद कर लिया गया?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने 18 घंटे में बच्चे को सुरक्षित बरामद किया।
- आरोपी की पहचान सीसीटीवी फुटेज और AI तकनीक से हुई।
- आरोपी ने अपने रिश्तेदार की इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपराध किया।
- बच्चों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के खेतड़ी से अपहृत तीन महीने के बच्चे को दिल्ली पुलिस ने मात्र 18 घंटे में सुरक्षित बरामद कर लिया है। इस घटना में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने रिश्तेदार की इच्छा को पूरा करने के लिए यह अपराध किया। आरोपी का रिश्तेदार एक लड़के की चाहत रखता था, क्योंकि उसके परिवार में कोई बेटा नहीं था।
घटना 19 अगस्त को शुरू हुई, जब आनंद पर्वत थाने में एक शिकायत दर्ज की गई। शिकायतकर्ता, जो चेन्नई की निवासी हैं, अपने तीन महीने के बच्चे के साथ रिश्तेदार से मिलने आनंद पर्वत आई थीं। ट्रेन यात्रा के दौरान, एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया और लगभग दो घंटे तक बातचीत कर उनका विश्वास जीता। उसने बहाने से उन्हें एक कपड़े की दुकान पर ले जाकर 150 रुपये देकर बच्चे के लिए कपड़ा खरीदने को कहा। इसी दौरान उसने बच्चे को उठाकर भाग निकला। शिकायतकर्ता ने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
पुलिस ने धारा 137(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया। आनंद पर्वत थाना प्रभारी सुभाष चंद्र और एसीपी पटेल नगर सुनील गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें एसआई साहिल, हेड कांस्टेबल सुरेश, संजय, रणवीर, मनीष और अशोक शामिल थे। एडिशनल डीसीपी सेंट्रल प्रशांत चौधरी ने मामले की निगरानी की। टीम ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की और AI आधारित फेस रिकग्निशन सिस्टम (एफआरएस) का उपयोग कर आरोपी की पहचान की।
जांच में यह सामने आया कि आरोपी जितेंद्र कुमार अपने पैतृक गांव खेतड़ी भाग गया था। पुलिस ने तुरंत वहां पहुंचकर उसे पकड़ लिया और बच्चे को सुरक्षित बरामद कर मां को सौंप दिया। पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि उसके रिश्तेदार ने उसे आर्थिक मदद का लालच देकर लड़का लाने के लिए कहा था। 32 साल10, टोडी मोहल्ला का निवासी है, को हिरासत में लिया गया है।