क्या राजस्थान में वायुसेना के रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट को तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट के संचालन में विशेषज्ञता आवश्यक है।
- तकनीकी खराबियों का त्वरित समाधान सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करता है।
- वायुसेना की पेशेवर क्षमता और सुरक्षा मानकों की पुष्टि हुई।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय वायुसेना के एक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (आरपीए) को एक आकस्मिक फोर्स लैंडिंग करनी पड़ी है। यह एयरक्राफ्ट एक नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था जब इसके इंजन में तकनीकी खराबी आ गई। हालांकि, विशेषज्ञता का प्रदर्शन करते हुए एयरक्राफ्ट को सुरक्षित रूप से लैंड करा लिया गया।
यह घटना राजस्थान के जैसलमेर के निकट उस समय हुई जब प्रशिक्षण सॉर्टी के दौरान रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट के इंजन में अचानक खराबी दर्ज की गई। भारतीय वायुसेना ने इस संदर्भ में आधिकारिक जानकारी दी।
वायुसेना के अनुसार, ऑपरेटरों ने स्थिति का त्वरित आकलन किया और नियंत्रित तरीके से एयरक्राफ्ट को एक खाली क्षेत्र में सुरक्षित रूप से उतारा। इस सूझबूझ के कारण न तो किसी प्रकार की जनहानि हुई और न ही संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
वायुसेना ने पुष्टि की है कि एयरक्राफ्ट को बहुत कम नुकसान हुआ है और इसे सुरक्षित रूप से बरामद कर लिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इंजन में आई खराबी की विस्तृत तकनीकी जांच जल्द ही शुरू की जाएगी। यह जानना आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सके।
सूत्रों के अनुसार, यह रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट पूरी तरह से प्रशिक्षण मिशन पर था और कोई संवेदनशील ऑपरेशन नहीं चला रहा था। घटना स्थल पर सुरक्षा उपायों को तैनात किया गया और एयरक्राफ्ट को मानक प्रक्रियाओं के तहत वायुसेना की टीमों ने अपने नियंत्रण में ले लिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं में ऑपरेटरों की त्वरित प्रतिक्रिया और आपातकालीन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन ही सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करता है। रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट आधुनिक युद्धक और निगरानी क्षमताओं का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। भारतीय वायुसेना इन्हें नियमित प्रशिक्षण मिशनों में शामिल करती है ताकि परिचालन दक्षता और प्रणालीगत विश्वसनीयता बनी रहे।
भारतीय वायुसेना ने आश्वस्त किया है कि वह सभी सुरक्षा मानकों और उड़ान प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करती है। इस घटना में कोई नुकसान न होना वायुसेना के पेशेवर संचालन और तकनीकी क्षमता का प्रमाण है।