क्या आतंकी मामलों के आरोपी साकिब नाचन का शव उसके पैतृक गांव पहुंचा?

सारांश
Key Takeaways
- साकिब नाचन की मृत्यु से सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।
- पुलिस और प्रशासन ने गांव में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
- साकिब का शव गांव में लाया गया है, जहां भारी भीड़ उपस्थित है।
- उसकी मौत के बाद प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं।
- साकिब पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर आरोप थे।
भिवंडी, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। आतंकी गतिविधियों और बम विस्फोटों के मामलों में संलिप्त साकिब नाचन का शव देर रात उसके पैतृक गांव बोरीवली लाया गया। साकिब की मृत्यु दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में उपचार के दौरान हुई, जहां उसे ब्रेन हैमरेज के बाद भर्ती किया गया था। वह तिहाड़ जेल में बंद था और काफी समय से विचाराधीन कैदी के रूप में रखा गया था।
शव के गांव पहुंचने पर परिजनों और स्थानीय लोगों की बड़ी भीड़ इकट्ठा हुई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पूरे गांव में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस बल की तैनाती पड़घा के मुख्य द्वार पर की गई है, ताकि किसी भी प्रकार की घटना को रोका जा सके। इसके अलावा, स्थानीय खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हैं और स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं।
जानकारी के अनुसार, सोमवार को साकिब नाचन को गांव के कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।
साकिब नाचन भिवंडी के पड़घा स्थित बोरीवली गांव का निवासी था और उस पर बम धमाकों और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले को लेकर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही सजग थीं और अब उसकी मृत्यु के बाद भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) से अपने संबंधों और कई आतंकी हमलों में अपनी भूमिका के लिए नाचन को दिसंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था। वह प्रतिबंधित छात्र इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का भी सदस्य रहा। वह पहली बार 1991 में जांच के दायरे में आया था। गुजरात में हुए आतंकी हमलों के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था।
1990 के दशक के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने उसे आतंकवादी गतिविधियों का दोषी ठहराया। वह फिर से सुर्खियों में आया और दिसंबर 2002 और मार्च 2003 के बीच मुंबई में तीन बम विस्फोटों की साजिश रचने के लिए उसे दोषी माना गया।
हत्या और हथियार एवं विस्फोटक रखने सहित कई कृत्यों का दोषी पाए जाने पर उसे 10 साल की सजा मिली थी। उसके बाद वह आईएसआईएस के संपर्क में आया। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वह युवाओं का ब्रेनवॉश करता था और आईएसआईएस में भर्ती होने वालों को व्यक्तिगत रूप से शपथ दिलाता था।