क्या सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा पारितंत्र को बढ़ावा दिया?
सारांश
Key Takeaways
- हरित हाइड्रोजन का उत्पादन और उपयोग बढ़ाने के लिए 19,744 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
- 18 कंपनियों को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में मदद मिलेगी।
- 15 कंपनियों को इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
- इस योजना से ग्रामीण विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
- सरकार ने 2030 के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समन्वय को मजबूत किया है।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार देश में ग्रीन हाइड्रोजन और इसके उत्पादन को लेकर निरंतर सक्रिय है। इस दिशा में सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने 19,744 करोड़ रुपए के बजट के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना है।
नवंबर 2025 तक की प्रगति के अनुसार, ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 18 कंपनियों को प्रति वर्ष 8,62,000 टन की कुल उत्पादन क्षमता प्रदान की गई है। इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन योजना के अधीन, 15 कंपनियों को प्रति वर्ष 3,000 मेगावाट की कुल विनिर्माण क्षमता दी गई है। रिफाइनरियों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की खरीद के लिए प्रोत्साहन योजना के तहत, 2 कंपनियों को प्रति वर्ष 20,000 टन की कुल क्षमता प्रदान की गई है। इस्पात, शिपिंग और परिवहन क्षेत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिए प्रयोगात्मक परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।
केंद्र सरकार पहले से ही प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजी: एमबीवाई), प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम), और अन्य कार्यक्रमों के साथ, प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमान) तथा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) के तहत जनजातीय और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए नई सौर ऊर्जा योजनाओं का कार्यान्वयन कर रही है।
ये योजनाएं सामूहिक रूप से वित्तीय सहायता प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों सहित देशभर में सौर ऊर्जा आधारित मिनी ग्रिड और छत पर सौर परियोजनाओं की तेजी से तैनाती में सहायता करती हैं।
पवन, सौर और जैव ऊर्जा परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा 2030 के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सरकार ने केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ नियमित समीक्षा बैठकों के माध्यम से अंतर-मंत्रालयी समन्वय को मजबूत किया है। इसके लिए राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टल (एनआरईपी) विकसित किया गया है।
सरकार ने आरईआईए, राज्य नोडल एजेंसियों और डेवलपर्स से डेटा एकत्र करके तत्क्षण निगरानी व्यवस्था स्थापित की है, प्रतिस्पर्धी बोली दिशा-निर्देशों के तहत समय-सीमा निर्धारित की है, और प्रगति की समीक्षा तथा बाधाओं को दूर करने के लिए डेवलपर्स के साथ मासिक हितधारक बैठकें आयोजित की हैं। यह जानकारी केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।