क्या शशि थरूर ने पीएम मोदी के व्याख्यान में आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक बदलाव की अपील की?

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क्या शशि थरूर ने पीएम मोदी के व्याख्यान में आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक बदलाव की अपील की?

सारांश

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी के हालिया व्याख्यान की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत की आर्थिक दिशा और सांस्कृतिक बदलाव की एक महत्वपूर्ण अपील थी। थरूर ने कहा कि भाषण में औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति पर जोर दिया गया। जानें, थरूर ने क्या कहा।

Key Takeaways

  • शशि थरूर ने पीएम मोदी की आर्थिक दृष्टिकोण की सराहना की।
  • भाषण में औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति पर जोर दिया गया।
  • भारत अब 'उभरता हुआ मॉडल' है।
  • 10 साल का राष्ट्रीय मिशन शुरू करने का आह्वान किया गया।
  • भाषाओं की गरिमा बहाल करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत की आर्थिक दिशा को उजागर करने और देश की विरासत को गौरवान्वित बनाने के लिए उनकी सराहना की। यह टिप्पणी पीएम के हालिया भाषण के बाद आई।

थरूर ने एक्स पर लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी ने 'विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता' की बात की और औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत अब सिर्फ 'उभरता हुआ बाजार' नहीं है, बल्कि दुनिया के लिए 'उभरता हुआ मॉडल' बन गया है। उन्होंने देश की आर्थिक स्थिरता पर भी ध्यान केंद्रित किया। पीएम मोदी ने कहा कि उन पर हमेशा 'चुनाव मोड' में रहने का आरोप लगता है, जबकि असल में वह लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए 'भावनात्मक मोड' में रहते हैं।

थरूर ने प्रधानमंत्री द्वारा मैकाले की "200 साल पुरानी 'गुलामी मानसिकता' की विरासत" को पलटने पर जोर देने की सराहना की और कहा, "भाषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मैकाले की विरासत को पलटने के लिए समर्पित था। पीएम मोदी ने भारत की विरासत, भाषाओं और ज्ञान प्रणालियों की गरिमा बहाल करने के लिए 10 साल का राष्ट्रीय मिशन शुरू करने का आह्वान किया।

हालांकि, थरूर ने यह भी कहा कि काश, उन्होंने यह भी स्वीकारा होता कि कैसे रामनाथ गोयनका ने भारतीय राष्ट्रवाद की आवाज उठाने के लिए अंग्रेजी का इस्तेमाल किया था!

थरूर ने पोस्ट के अंत में लिखा, "कुल मिलाकर, पीएम का यह भाषण आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक बदलाव की अपील थी, जिसमें उन्होंने देश को प्रगति के लिए प्रेरित किया।

थरूर ने सर्दी-खांसी से जूझने के बावजूद श्रोताओं में शामिल होने पर खुशी व्यक्त की।

जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को छठे रामनाथ गोयनका व्याख्यान में भाषण दिया था। उन्होंने मैकाले के भारतीय शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव के बारे में भी विस्तार से चर्चा की, जिसमें अंग्रेजी को शिक्षा के प्राथमिक माध्यम के रूप में बढ़ावा दिया गया था।

प्रधानमंत्री ने सवाल उठाया कि भारत अपनी भाषाओं को कमजोर क्यों कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम अंग्रेजी का विरोध नहीं करते, हम भारतीय भाषाओं का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों में इस औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति पाना हमारे संकल्प का हिस्सा होना चाहिए।

Point of View

विरासत और आर्थिक दृष्टिकोण को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें यह समझना होगा कि सांस्कृतिक और आर्थिक बदलाव एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इन्हें एक साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

शशि थरूर ने पीएम मोदी के भाषण पर क्या कहा?
थरूर ने पीएम मोदी के भाषण की सराहना करते हुए कहा कि यह आर्थिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक बदलाव की अपील थी, जिससे भारत की पहचान को मजबूती मिलेगी।
पीएम मोदी ने भाषण में क्या महत्वपूर्ण बातें साझा की?
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब केवल 'उभरता हुआ बाजार' नहीं है, बल्कि एक 'उभरता हुआ मॉडल' है। उन्होंने मैकाले की 'गुलामी मानसिकता' की विरासत को पलटने का आह्वान किया।
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