क्या 2025 आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए एक अद्भुत वर्ष साबित हुआ?

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क्या 2025 आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए एक अद्भुत वर्ष साबित हुआ?

सारांश

वर्ष 2025 भारत के लिए आर्थिक मोर्चे पर एक उल्लेखनीय वर्ष रहा। निर्यात ने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर नई ऊंचाइयां छुईं और एफटीए के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में नए अवसर बने। जानिए इस सफलता का राज़ क्या है!

Key Takeaways

  • 2025 में भारत का निर्यात 825.25 अरब डॉलर तक पहुंचा।
  • एफटीए से नए व्यापारिक अवसर बने।
  • सरकार ने निर्यात संवर्धन मिशन को मंजूरी दी।
  • जीईएम का संचयी आंकड़ा 16.41 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचा।
  • वर्ल्ड एक्सपो में भारतीय पवेलियन ने कांस्य पुरस्कार जीता।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 आर्थिक मोर्चे पर देश के लिए अत्यधिक सकारात्मक रहा। इस अवधि में निर्यात ने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर नई ऊंचाइयां छुईं और एफटीए के माध्यम से विदेशी व्यापार के नए रास्ते खुल गए। यह उपलब्धि सरकार द्वारा ऐसे समय में प्राप्त की गई है, जब वैश्विक स्तर पर अस्थिरता देखी जा रही है।

वाणिज्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, देश का निर्यात (वस्तु एवं सेवा) 2024-25 में अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर 825.25 अरब डॉलर तक पहुंचा है। इसमें सालाना आधार पर 6.05 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

हाल ही में लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में देश ने 418.6 अरब डॉलर का निर्यात किया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 395.7 अरब डॉलर से अधिक है और यह निर्यात का अब तक का सबसे मजबूत आंकड़ा है।

इसके अलावा, भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए) ने देश के विदेशी व्यापार को बढ़ाने में मदद की है। इससे ब्रिटेन में भारत का 99 प्रतिशत निर्यात शुल्क मुक्त हो गया है। इसके साथ ही, भारत कई अन्य प्रमुख देशों और अर्थव्यवस्थाओं के साथ एफटीए के लिए बातचीत कर रहा है, जिनमें यूरोपीय संघ और अमेरिका शामिल हैं।

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के लिए भी यह वर्ष शानदार रहा है, और इसकी स्थापना के बाद से संचयी जीएमवी 15 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गया है और 30 नवंबर 2025 तक यह 16.41 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

इस वर्ष सरकार ने निर्यात संवर्धन मिशन को मंजूरी दी, जिससे निर्यात वृद्धि के लिए एक व्यापक, मजबूत और डिजिटल रूप से सक्षम ढांचा स्थापित किया गया है। इस ढांचे को वित्त वर्ष 2025-26 से लेकर 20230-31 के लिए 25,060 करोड़ रुपए का समर्थन प्राप्त है।

वहीं, वर्ल्ड एक्सपो का पांचवां संस्करण ओसाका, जापान में आयोजित किया गया। भारतीय पवेलियन ने बाहरी डिजाइन श्रेणी में कांस्य पुरस्कार जीता और 37 लाख आगंतुकों के साथ तीसरी सबसे अधिक आगंतुक संख्या दर्ज की।

इसके साथ ही, ट्रेड ईकनेक्ट और ट्रेड इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (टीआईए) पोर्टल सहित डिजिटल सुधार, साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को मजबूत कर रहे हैं और पक्षकारों के समन्वय में सुधार कर रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि 2025 का यह आर्थिक प्रदर्शन भारत के वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। निर्यात की वृद्धि और एफटीए के माध्यम से अवसरों का विस्तार, सरकार की सकारात्मक नीतियों का परिणाम है। यह समय वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद, देश के आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

2025 में भारत का निर्यात कितना रहा?
भारत का निर्यात 2024-25 में रिकॉर्ड स्तर पर 825.25 अरब डॉलर रहा।
एफटीए का भारत के व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ा?
एफटीए ने भारत के विदेशी व्यापार को व्यापक बनाने में मदद की है।
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) का क्या महत्व है?
जीईएम ने पिछले वर्षों में 16.41 लाख करोड़ रुपए का संचयी जीएमवी हासिल किया है।
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