क्या नाम छुपाकर कारोबार नहीं करना चाहिए? क्यूआर कोड विवाद पर एसटी हसन का बयान

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क्या नाम छुपाकर कारोबार नहीं करना चाहिए? क्यूआर कोड विवाद पर एसटी हसन का बयान

सारांश

एसटी हसन ने क्यूआर कोड विवाद पर अपनी राय व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने कहा कि नाम छुपाकर कारोबार करना गलत है। उन्होंने इस्लाम की शिक्षाओं का भी हवाला दिया और कहा कि मुस्लिम समुदाय को हो रही समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

Key Takeaways

  • नाम छुपाकर कारोबार नहीं करना चाहिए
  • इस्लाम धोखा देने की इजाजत नहीं देता
  • हिंसा और तोड़फोड़ शिव भक्तों के लिए अस्वीकार्य है
  • सच्चाई के साथ काम करने की आवश्यकता है
  • सांप्रदायिक तनाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है

मुरादाबाद, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता एसटी हसन ने बुधवार को कांवड़ यात्रा, क्यूआर कोड विवाद, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में क्यूआर कोड विवाद पर कहा, "मैं हमेशा कहता रहा हूं कि नाम छुपाकर कारोबार नहीं करना चाहिए। इस्लाम भी धोखा देने की अनुमति नहीं देता। क्यूआर कोड से बस यह स्पष्ट होता है कि दुकान किसकी है, इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। जब सियासत ने नफरत को बढ़ावा दिया है, मुस्लिम समुदाय को नुकसान होता है। इससे तोड़फोड़ और समस्याएं उत्पन्न होती हैं और बाद में केस भी मुसलमानों पर ही दर्ज होते हैं। हमें सच्चाई के साथ आगे बढ़ना चाहिए, जैसा कि हमारा मजहब और ईमान कहता है।"

जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर हसन ने कहा कि उनकी बॉडी लैंग्वेज में कोई कमी नहीं थी और उनके इस्तीफे का कारण बाद में स्पष्ट होगा। "मैं डॉक्टर हूं, मुझे बॉडी लैंग्वेज समझने का अनुभव है। मुझे लगता है कि उन्होंने गुस्से में यह कदम उठाया है। संभवतः किसी ने उनसे कुछ कहा हो या कुछ गलत करवाने की कोशिश की हो।"

उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट के 2006 के ट्रेन ब्लास्ट केस से जुड़े फैसले पर कहा, "हमारी अदालतें इंसाफ करती हैं। मैंने संसद में भी इस मुद्दे को उठाया था कि आतंकवाद के आरोप में एक व्यक्ति को 28 साल तक जेल में रखा गया और बाद में वह बेगुनाह साबित हुआ। उसकी जिंदगी बर्बाद हो चुकी थी। मैंने गृह मंत्रालय से पूछा था कि जिस अधिकारी ने उसे जेल भेजा, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? यूएपीए जैसे कानूनों में अधिकारियों को इतनी छूट है कि वे बेगुनाहों को जेल में डाल देते हैं। अगर किसी के साथ अन्याय होता है, तो दोषी अधिकारियों की पेंशन रोक देनी चाहिए और उन्हें भी कुछ समय के लिए जेल में डालना चाहिए। इसके साथ ही तत्कालीन सरकारों को भी ऐसे मामलों में माफी मांगनी चाहिए।"

हसन ने कांवड़ यात्रा को लेकर कहा, "जो लोग तोड़फोड़ और हिंसा करते हैं, वे शिव भक्त नहीं हो सकते। भोले बाबा शांतिप्रिय हैं, उनकी शिक्षाएं हिंसा की अनुमति नहीं देतीं। कुछ लोग हिंदू-मुस्लिम तनाव पैदा करके सांप्रदायिक पार्टियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश करते हैं। ऐसे तत्वों को चिन्हित कर दंडित किया जाना चाहिए, ताकि सच्चे कांवड़ियों की छवि खराब न हो।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं जेपी नड्डा को अच्छी तरह जानता हूं, वे मेरे साथ संसद में थे। वे एक अच्छे राजनेता हैं और हमेशा इंसाफ की बात करते हैं।"

Point of View

एसटी हसन की बातें समाज में व्याप्त नफरत और भेदभाव के खिलाफ एक सशक्त आवाज हैं। उन्हें अपने विचार साझा करने का अधिकार है, और यह जरूरी है कि हम सभी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

क्यूआर कोड विवाद क्या है?
क्यूआर कोड विवाद उस स्थिति को संदर्भित करता है जहाँ कुछ व्यवसायों में नाम छुपाने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है।
एसटी हसन ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
एसटी हसन ने कहा है कि नाम छुपाकर कारोबार करना गलत है और इस्लाम भी धोखा देने की इजाजत नहीं देता।