क्या पश्चिम बंगाल में एसआईआर के दूसरे चरण को सुरक्षित करने के लिए आयोग से अपील की गई?
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया पर राजनीतिक विवाद जारी है।
- चुनाव आयोग को निष्पक्षता बनाए रखने की जरूरत है।
- सुवेंदु अधिकारी की अपील राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकती है।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी ने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से निवेदन किया है कि मसौदा मतदाता सूची पर अपील सुनवाई शुरू होने पर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण को 'सुरक्षित' बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि मतदाताओं के दावों, आपत्तियों और दस्तावेज प्रस्तुत करने की सुनवाई के दौरान सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के लिए आयोग से “तत्काल हस्तक्षेप” करने की मांग की है।
उन्होंने तटस्थता बनाए रखने के लिए ऐसे पर्यवेक्षकों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों में से रखने का अनुरोध भी किया है।
उन्होंने राज्य के अधिकारियों द्वारा मतदाता सूची में कथित हेरफेर पर चिंता व्यक्त की है, तथा इस चरण में हस्तक्षेप के लिए अनुचित प्रभाव डालने की गंभीर और लगातार रिपोर्टों पर चिंता जताई है।
दिलचस्प बात यह है कि इस वर्ष एसआईआर प्रक्रिया एक राजनीतिक मुद्दा बन गई है। जहां चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को निष्पक्ष बता रहा है, वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि इसका दुरुपयोग किया जा रहा है और वैध मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किया जा रहा है। बांग्लादेशी घुसपैठ पर चल रही बहस राजनीतिक तनाव को और बढ़ा रही है।
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में कई एसआईआर विरोधी आंदोलन शुरू किए हैं।
पार्टी ने कई बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के बार-बार बीमार पड़ने, काम के दबाव में अपनी जान गंवाने, और मतदाताओं द्वारा अपने चुनावी अधिकार खोने के डर से आत्महत्या करने के आरोप लगाए हैं।
चुनाव निकाय ने एसआईआर प्रक्रिया का पुरजोर बचाव किया है और बड़े पैमाने पर मताधिकार से वंचित करने के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया है।
इस समय सर्वोच्च न्यायालय इस मामले पर विचार कर रहा है, जहां चुनाव आयोग ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर मताधिकार से वंचित करने के दावे “अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर” और राजनीति से प्रेरित हैं।
इसने यह भी कहा है कि राज्य के 99 प्रतिशत मतदाताओं को पहले ही गणना फॉर्म दे दिए गए हैं।
इस बीच, पश्चिम बंगाल सीमा पर कुछ बांग्लादेशी नागरिकों के घर वापस जाने की कोशिश में जमा होने की खबरें आई हैं।
एसआईआर प्रक्रिया से जुड़ी चिंताओं के बीच, यह घटना घुसपैठ पर राजनीतिक बयानबाजी को और तेज कर रही है।
एमएस/डीकेपी