क्या सुप्रिया सुले ने अनिल देशमुख पर हमले की पुलिस रिपोर्ट पर सवाल उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रिया सुले ने अनिल देशमुख पर हमले की रिपोर्ट को संदिग्ध बताया।
- महाराष्ट्र पुलिस ने हमले के आरोपों को खारिज किया।
- पी. चिदंबरम ने 26/11 के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय दबाव की बात की।
मुंबई, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एनसीपी-शरद गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर हुए कथित हमले के मामले में पुलिस की क्लोजिंग रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब अनिल देशमुख पर हमला हुआ था, तब वे पूरी तरह खून से लथपथ थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, यहां तक कि उन्हें आईसीयू में भी रखा गया। यह सब कुछ झूठ नहीं हो सकता है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर विधानसभा चुनाव के दौरान कथित तौर पर हमला किया गया था। इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने हमले के आरोपों को गलत बताते हुए नागपुर सेशन कोर्ट में एक 'बी फाइनल' रिपोर्ट पेश की।
इस पर सुप्रिया सुले ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजनीति की स्थिति कितनी चिंताजनक है? अनिल देशमुख पर कई आरोप लगे और उन्हें जेल भेजा गया था, लेकिन अब उन्हें कोर्ट से राहत मिली है। उन्होंने कहा, "दुख की बात है कि उन पर बड़ा हमला हुआ और सबने उनका खून देखा। फिर भी इस तरह के दावे किए जा रहे हैं।"
सुप्रिया सुले ने 26/11 हमले से संबंधित कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की हालिया टिप्पणी का भी उल्लेख किया और उनका बचाव किया।
उन्होंने कहा, "यह बयान कोई आश्चर्यजनक नहीं है। राजनीति में कई चीजें होती हैं, जिनका हमें पता नहीं होता। अब पी. चिदंबरम ने किस संदर्भ में यह कहा, ये जानने के लिए उनसे पूछना होगा।"
वास्तव में, पी. चिदंबरम ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव की भूमिका का खुलासा किया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "वे पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे, लेकिन अंत में उन्हें मना कर दिया गया। संयम बरतने का निर्णय वैश्विक दबाव में लिया गया।"
बिहार में एसआईआर की फाइनल लिस्ट के बारे में सुप्रिया सुले ने बताया, "उन्होंने तेजस्वी यादव से फोन पर बात की है। वहां जमीनी स्तर पर क्या स्थिति है, इसकी जानकारी उन्हें जल्द मिलेगी।"
इस बीच, सुप्रिया सुले ने पूरे देश में एसआईआर कराने का समर्थन किया और कहा, "बिहार या महाराष्ट्र नहीं, पूरे देश में एसआईआर होनी चाहिए। वोटर कार्ड एक ही होना चाहिए। देश संविधान से चलता है, किसी की मर्जी से नहीं।"