क्या सूरत और वडोदरा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है?

सारांश
Key Takeaways
- सूरत और वडोदरा में भारी बारिश का सिलसिला जारी है।
- किम और नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है।
- स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
सूरत, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के सूरत जिले में पिछले 24 घंटों में जोरदार बारिश हुई है। सूत्रों के अनुसार, उमरपाड़ा तालुका में 8.5 इंच और मंगरोल तालुका में 4 इंच वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
सूरत में हुई इस भारी वर्षा के कारण किम नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे मंगरोल के मोटा बोरसारा गांव में जलभराव हो गया है। इससे मोटा बोरसारा और उसके आस-पास के गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है। स्थानीय लोग इस जलभराव के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
इसी प्रकार, वडोदरा के चाणोद में नर्मदा नदी पर स्थित सरदार सरोवर बांध से 4.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे नर्मदा नदी के निचले हिस्सों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। चाणोद में मल्हार राव घाट की 92 सीढ़ियां जलमग्न हो गई हैं। हालांकि, नर्मदा नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान तक नहीं पहुंचा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। यदि वर्षा इसी तरह जारी रही, तो स्थानीय लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इस बीच, दक्षिण गुजरात के अधिकांश हिस्सों में पिछले रात से भारी बारिश का सिलसिला जारी है। वडोदरा के डभोई में रात 12 बजे से सुबह 7 बजे तक 5 इंच बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश के कारण स्थानीय लोगों को जलजमाव और यातायात संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और ज़रूरी सावधानी बरतने की सलाह दी है।
इसी संदर्भ में, भरूच के बोरभाठा बेट गांव के सरपंच पंकज पटेल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि नर्मदा नदी में 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जलस्तर 24 फीट को पार कर गया है। यदि जलस्तर और बढ़ा, तो नजदीकी गांवों में बाढ़ आने की संभावना है।