क्या तमिलनाडु में ईमेल से ईडी ऑफिस को उड़ाने की धमकी असली थी?

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क्या तमिलनाडु में ईमेल से ईडी ऑफिस को उड़ाने की धमकी असली थी?

सारांश

चेन्नई में ईडी कार्यालय को उड़ाने की धमकी से मच गई थी हड़कंप, लेकिन जांच में यह निकली फर्जी। जानिए क्या है पूरा मामला और इसके पीछे की वजहें।

Key Takeaways

  • ईडी कार्यालय को भेजी गई धमकी फर्जी निकली।
  • धमकी में आरडीएक्स विस्फोटों का जिक्र था।
  • तमिलनाडु पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया।
  • जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
  • यह मामला नेहरू से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधित है।

चेन्नई, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में शास्त्री भवन स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यालय में शुक्रवार सुबह एक धमकी मिलने से हड़कंप मच गया। हालांकि, बाद में यह धमकी फर्जी निकली।

एक धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद पूरे भवन को खाली कराया गया और बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीडीएस) की 8 सदस्यीय टीम व स्निफर डॉग ने छापेमारी की। ईमेल में दावा किया गया था कि के.एन. नेहरू मनी लॉन्ड्रिंग केस को लेकर ईडी कार्यालय को 5 आरडीएक्स विस्फोटों से उड़ा दिया जाएगा। हालांकि, गहन जांच के बाद धमकी फर्जी निकली।

ईमेल शुक्रवार सुबह 7:59 बजे भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि शास्त्री भवन, तीसरी मंजिल, तीसरा ब्लॉक, बी विंग नंबर 26, हैडोज रोड, चेन्नई स्थित ईडी कार्यालय में जल्द ही 5 आरडीएक्स विस्फोट होंगे। मेल तमिलनाडु डीजीपी को भी भेजा गया था।

ईमेल में भेजने वाले ने खुद को 'एमपीएल राव' और 'सीपीआई-माओ' से जुड़ा बताया। उसने लिखा, "के.एन. नेहरू ईडी मामले के कारण, हम द्रविड़ लोग चेन्नई स्थित ईडी कार्यालय में विस्फोट करने की जिम्मेदारी लेते हैं। आईएएस उमाशंकर और उन्नामलाई त्यागराजन से संबंधित ईएलसीओटी मामले से जुड़ी सभी फाइलें ईडी के अगले निशाने पर हैं। आज का विस्फोट ईडी के लिए एक चेतावनी होगी।"

ईमेल में ईएलसीओटी (इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ तमिलनाडु) केस से जुड़े दस्तावेजों और अधिकारियों का जिक्र है, जो जांच के दायरे में आ सकते हैं।

धमकी मिलते ही तमिलनाडु पुलिस, सेंट्रल एजेंसियों और ईडी ने हाई अलर्ट जारी कर दिया। बीडीडीएस टीम ने शास्त्री भवन की तीसरी मंजिल सहित पूरे परिसर की मेटल डिटेक्टर और स्निफर डॉग से तलाशी ली। लगभग तीन घंटे की सर्च के बाद कोई संदिग्ध वस्तु न मिलने पर भवन को सुरक्षित घोषित किया गया।

यह धमकी तमिलनाडु के नगरपालिका प्रशासन, शहरी विकास एवं जल आपूर्ति मंत्री के.एन. नेहरू से जुड़े मामलों पर आधारित मानी जा रही है। ईडी नेहरू की एक कंपनी की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है, जो 2021 में सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। इस एफआईआर में आरोप है कि कंपनी ने 100 एमडब्ल्यू विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए 30 करोड़ रुपए का लोन लिया, लेकिन इसे नेहरू के भाई के.एन. रविचंद्रन के स्वामित्व वाली ट्रू वैल्यू होम (टीवीएच) ग्रुप को डायवर्ट कर दिया।

जांच के दौरान ईडी को तमिलनाडु के 'कैश फॉर जॉब्स' घोटाले की जानकारी मिली, जिसमें एमएडब्ल्यूएस विभाग में नौकरी के बदले रिश्वत लेने के आरोप हैं।

Point of View

मैं यह समझता हूं कि इस तरह की घटनाएं सामाजिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा हो सकती हैं। हमें ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि आम जनता में भय का माहौल न बने।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या यह ईमेल असली था?
नहीं, बाद में जांच में यह फर्जी निकला।
धमकी में किसका नाम था?
धमकी में मंत्री के.एन. नेहरू का नाम शामिल था।
क्या जांच में कुछ मिला?
जांच के दौरान कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।