क्या तमिलनाडु के पोलाची में ईद मिलाद-उन-नबी पर जुलूस निकाला गया?

सारांश
Key Takeaways
- सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय कल्याण को बढ़ावा देने का प्रयास।
- पैगंबर मुहम्मद के जीवन और उपदेशों का महत्व।
- स्थानीय समुदाय में एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत किया गया।
पोलाची, ५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के पोलाची में ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर एक भव्य जुलूस का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पोलाची में सामाजिक एकता और सद्भाव का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
यह जुलूस सेम्बागाउंडर कॉलोनी स्थित मदरसा रहमानिया मस्जिद के छात्रों द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय कल्याण को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया।
इस जुलूस में मुथवल्ली प्रशासकों सहित १०० से अधिक लोग शामिल हुए।
छात्रों और प्रतिभागियों ने शहर की मुख्य सड़कों पर मार्च करते हुए पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं और जीवन मूल्यों को उजागर करते हुए नारे लगाए।
इस जुलूस का मुख्य उद्देश्य पैगंबर मुहम्मद के शांति, एकता और भाईचारे के संदेश को हर व्यक्ति तक पहुँचाना था।
यह आयोजन ईद मिलाद-उन-नबी के पर्व पर मनाया गया। जुलूस के दौरान प्रतिभागियों ने सामाजिक एकता और राष्ट्रीय कल्याण को बढ़ावा देने वाले नारे लगाए, जो समुदाय में सहयोग और भाईचारे की भावना को प्रबल करने का संदेश दे रहे थे।
मदरसा रहमानिया मस्जिद के छात्रों ने इस अवसर पर पैगंबर मुहम्मद के जीवन और उनके उपदेशों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने यह बताया कि पैगंबर के संदेश आज भी प्रासंगिक हैं और समाज में शांति व एकता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
जुलूस में शामिल लोगों ने उनके मूल्यों को अपनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लिया।
आयोजकों ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ और सहयोग को भी बढ़ावा देते हैं। जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और स्थानीय लोगों ने इसे उत्साह के साथ देखा।