क्या टीएमसी नेता कुणाल घोष ने ‘द बंगाल फाइल्स’ विवाद पर मेकर्स को जवाब दिया?

सारांश
Key Takeaways
- फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ विवाद में शामिल है राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप।
- कुणाल घोष ने विवेक अग्निहोत्री के खिलाफ ठोस दावे किए।
- फिल्म का विषय डायरेक्ट एक्शन डे पर आधारित है।
- राजनीति और सिनेमा का गहरा संबंध है।
- सच्चाई को छुपाने का आरोप लगाया गया।
नई दिल्ली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म के निर्माता और निर्देशक का कहना है कि उन्हें कोलकाता में फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने से रोका गया। डायरेक्ट एक्शन डे के संदर्भ में बनी इस फिल्म का ट्रेलर कोलकाता में लॉन्च करना चाहा गया था, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया।
एक साक्षात्कार में फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल की सरकार पर सच्चाई को दबाने और छुपाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि जिन लोगों ने उन्हें ट्रेलर लॉन्च करने से रोका, वे लोग बंगाल में हुए एक्शन डे के काले अध्याय को उजागर नहीं होने देना चाहते हैं।
इस पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने जवाब दिया। उन्होंने राज्य सरकार पर लगे आरोपों का खंडन करते हुए कहा, “देखिए, ये तकनीकी मुद्दा है। इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। लेकिन विवेक रंजन अग्निहोत्री बीजेपी के 'विवेक' हैं। उनके पास हिम्मत नहीं है कि वे गुजरात फाइल्स, मणिपुर फाइल्स, यूपी फाइल्स, और एमपी फाइल्स जैसी फिल्में बना सकें। वे बीजेपी के नैरेटिव के साथ कभी कश्मीर, कभी केरल और कभी बंगाल को टार्गेट कर रहे हैं। यह कोई फिल्म नहीं है, बल्कि एक वीडियो है जिसे बीजेपी ने उन्हें सौंपा है। ये लोग असली हिंदू नहीं हैं, आज जन्माष्टमी के दिन ऐसा कर रहे हैं।”
कुणाल ने गोपाल पाठा की मूर्ति के मुद्दे पर भी चर्चा की और कहा कि वे एक व्यक्ति को सम्मान देने के बजाय उसका राजनीतिक रूप से गलत प्रयोग कर रहे हैं।
इससे पहले, विवेक रंजन अग्निहोत्री ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत की थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च को लेकर आ रही समस्याओं पर अपनी बात रखी थी। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्हें पश्चिम बंगाल में ट्रेलर दिखाने से रोका जा रहा है।
विवेक ने सवाल उठाया कि पश्चिम बंगाल में सुहरावर्दी स्ट्रीट क्यों है, जिसे बुचर ऑफ बंगाल कहा जाता है। डायरेक्ट एक्शन डे पर उन्होंने अपील की कि इस स्ट्रीट का नाम बदलकर गोपाल मुखर्जी एवेन्यू रखा जाए।
उन्होंने कहा, “आज बंगाल की सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि डायरेक्ट एक्शन डे के दिन यहां कुछ हुआ था। एक समुदाय को खुश करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। यह खतरनाक राजनीति है जिसका परिणाम समय के साथ बंगाल को भुगतना पड़ेगा। मुझे नहीं लगता कि इससे पहले भारत में इतनी बोल्ड फिल्म बनी है।”