क्या पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने यासीन मलिक के हलफनामे पर कांग्रेस को घेरा?

सारांश
Key Takeaways
- सुब्रत पाठक ने यासीन मलिक के हलफनामे पर कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए।
- यासीन मलिक का दावा है कि 2006 में उसने हाफिज सईद से मुलाकात की थी।
- कांग्रेस का पाकिस्तान से सीधा संबंध होने का आरोप लगाया गया।
फर्रुखाबाद (यूपी), 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कन्नौज से पूर्व भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने दिल्ली हाईकोर्ट में यासीन मलिक द्वारा दायर हलफनामे पर तीखा हमला बोला। मलिक का दावा है कि 2006 में उन्होंने हाफिज सईद से मुलाकात की थी, जो इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निर्देश पर थी, ताकि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शांति प्रक्रिया में सहायता मिल सके। सुब्रत पाठक ने कहा कि उस समय कांग्रेस की सरकार थी, जो आतंकवाद का समर्थन करने वाली और आईएसआई तथा पाकिस्तान की एजेंट थी।
सुब्रत पाठक ने हाल ही में पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के बयान का संदर्भ देते हुए कहा, "अफरीदी ने कहा कि भारत में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री होना चाहिए था। यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस का पाकिस्तान से एक सीधा संबंध है। जब पाकिस्तान के लोग कह रहे हैं 'मोदी हटाओ, राहुल लाओ,' तो कांग्रेस का हाथ साफ नजर आता है।" उन्होंने अफरीदी के एशिया कप विवाद के दौरान दिए बयान का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की प्रशंसा की और मोदी सरकार की आलोचना की। भाजपा नेता ने कहा कि यह कांग्रेस की 'पाकिस्तानी समर्थन' की नीति को उजागर करता है।
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए, बेला बिधूना से एक बजरंग दल कार्यकर्ता द्वारा पाठक को अपशब्द कहे जाने का वायरल ऑडियो पर उन्होंने पलटवार किया। पाठक ने कहा, "जिसने यह ऑडियो वायरल किया, उसका खुद का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह कहता है 'हमारा ऑडियो नहीं है।' लेकिन यह सुनने में आया है कि वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया है। एक दिन पहले उसने सपा जॉइन की। सपा में जाकर अखिलेश का खास बनने के लिए हमारे खिलाफ कुछ बोलेगा, ताकि उसे प्रमाण पत्र या विधानसभा टिकट मिल सके।" उन्होंने इसे सपा की साजिश करार दिया, जो भाजपा नेताओं को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि यह मामला यासीन मलिक के हलफनामे के सामने आने के बाद और भी गर्म हो गया है, जिसमें उसने आईबी के स्पेशल डायरेक्टर वी.के. जोशी के अनुरोध पर सईद से मिलने और बाद में मनमोहन सिंह को जानकारी देने का दावा किया। मलिक ने इसे 'क्लासिक बेट्रेयल' कहा है, जबकि एनआईए ने फांसी की सजा की मांग की है। भाजपा ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस ने इसे पुरानी साजिश बताया है।