क्या उत्तर प्रदेश और पंजाब में दशहरे पर भक्ति-उत्साह के बीच प्रशासन की सुरक्षा मुस्तैदी है?

सारांश
Key Takeaways
- दशहरा पर्व पर भक्तों का उत्साह और भक्ति का महत्व।
- प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और तैयारी के कदम।
- आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दशहरा का महत्व।
लखनऊ/मोगा, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पूरे देश में नवरात्रि के समापन और विजयदशमी पर्व पर भक्ति और उल्लास का माहौल देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ और पंजाब के मोगा में श्रद्धालु श्रद्धा के साथ यह उत्सव मना रहे हैं।
लखनऊ में दशहरे के दिन भक्तगण मां दुर्गा की प्रतिमा का पूजन कर विसर्जन यात्रा पर निकले। भक्तों ने ‘जय माता दी’ और ‘बोलो दुर्गा माता की जय’ के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। ढोल-नगाड़ों की धुन और भक्तों के उत्साह से पूरा माहौल भक्ति रस में डूबा रहा। मां के विसर्जन के दौरान श्रद्धालुओं की आंखों में विदाई का दर्द और अगले वर्ष दोबारा आगमन की उम्मीद साफ झलक रही थी।
सरकार ने गोमती नदी के किनारे विशेष तालाब और कुंड बनाए हैं, जहां विधिवत मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इसके साथ ही नवरात्रि और दशहरा पर्व का औपचारिक समापन हुआ, हालांकि भक्तों के दिलों में मां के जयकारे गूंजते रहे।
वहीं, मोगा में भी दशहरे को लेकर शहर में उत्साह का माहौल है। टाउन हॉल और अन्य स्थलों पर रावण दहन किया गया। परिवारों के साथ लोग पहुंचकर श्रद्धा से जौ अर्पित कर रहे हैं।
त्योहार को सुचारु और सुरक्षित ढंग से मनाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस ने व्यापक प्रबंध किए हैं। एसएसपी मोगा के निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है और सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है। प्रशासन ने लोगों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए विशेष टीमें भी तैनात की हैं।
त्योहार को लेकर मोगा में लोगों के बीच भारी उत्साह और उमंग देखने को मिला।
आध्यात्मिक रूप से दशहरा इस विश्वास को पुष्ट करता है कि अंततः धर्म और सत्य की ही बुराई पर विजय होती है, चाहे अंधकार की शक्तियां कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हों।