क्या उत्तर प्रदेश में रियल टाइम मॉनिटरिंग और जवाबदेही के लिए डिजिटल सिस्टम एक राष्ट्रीय मानक स्थापित कर रहा है?

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क्या उत्तर प्रदेश में रियल टाइम मॉनिटरिंग और जवाबदेही के लिए डिजिटल सिस्टम एक राष्ट्रीय मानक स्थापित कर रहा है?

सारांश

उत्तर प्रदेश का ‘सीएम डैशबोर्ड’ डिजिटल सुशासन का एक नया मॉडल प्रस्तुत करता है। यह प्लेटफार्म त्वरित निर्णय और पारदर्शिता के साथ विकास कार्यों की रियल टाइम मॉनिटरिंग में सहायक है। जानिए कैसे यह प्रणाली प्रशासनिक जवाबदेही को बढ़ावा दे रही है।

Key Takeaways

  • डिजिटल सुशासन: सीएम डैशबोर्ड ने उत्तर प्रदेश में डिजिटल सुशासन को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है।
  • रियल टाइम मॉनिटरिंग: यह प्रणाली विकास कार्यों की त्वरित निगरानी में मदद करती है।
  • पारदर्शिता: प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलता है।
  • नागरिक सहभागिता: नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाता है।
  • प्रेरणा स्रोत: यह प्रणाली अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है।

लखनऊ, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में डिजिटल सुशासन की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के फलस्वरूप राज्य का नवीनतम ‘सीएम डैशबोर्ड’ आज त्वरित निर्णय, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का एक मजबूत आधार स्तंभ बन चुका है। मुख्यमंत्री इस मंच के माध्यम से प्रमुख परियोजनाओं की रियल टाइम मॉनिटरिंग करते हैं, जिससे विकास कार्यों में तेजी, गुणवत्ता और जवाबदारी में अभूतपूर्व सुधार देखा गया है।

यह अत्याधुनिक डैशबोर्ड डाटा इंटीग्रेशन, परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग, विजुअलाइजेशन, रियल टाइम अपडेट, जिलेवार विश्लेषण और नागरिक सहभागिता जैसी उन्नत तकनीकों से सुसज्जित है। जटिल सूचनाओं को सरल और दृश्य रूप में प्रस्तुत करते हुए यह प्रणाली जिलों में कार्य संस्कृति, प्रशासनिक दक्षता और लक्ष्य आधारित शासन को मजबूत कर रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में सीएम डैशबोर्ड उत्तर प्रदेश के प्रशासन को वैज्ञानिक, परिणामोन्मुख और पारदर्शी बनाते हुए पूरे देश के लिए एक नए सुशासन मॉडल के रूप में उभर रहा है। सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से 49 विभागों के 109 कार्यक्रमों की जिलों में मासिक समीक्षा होती है। यह प्रणाली विकास योजनाओं, कानून-व्यवस्था, राजस्व संचालन और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जिलों के प्रदर्शन का आकलन करती है। हर माह जारी होने वाली रैंकिंग न केवल प्रशासन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करती है, बल्कि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों को प्रोत्साहित भी करती है।

कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों को सुधार के लिए स्पष्ट निर्देश दिए जाते हैं। डैशबोर्ड में स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, पेयजल, स्वच्छता, बिजली, ग्रामीण सड़कें और कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच जैसे महत्वपूर्ण मापदंड शामिल हैं। इसका लक्ष्य केवल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास नहीं, बल्कि किसानों, महिलाओं, युवाओं और वंचित समूहों के वास्तविक उत्थान को सुनिश्चित करना है। आईजीआरएस से एकीकृत होने के कारण यह मंच शिकायत निस्तारण की गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करता है। यदि निस्तारण के बाद नागरिक असंतोष दर्ज कराते हैं तो अधिकारियों को तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश का सीएम डैशबोर्ड और आईजीआरएस सिस्टम अब अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।

दिल्ली सरकार ने अध्ययन और निरीक्षण के बाद योगी सरकार के इस मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है। दिल्ली के अधिकारियों ने इसे तकनीकी रूप से विकसित, प्रभावी और शिकायतों के त्वरित व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में अत्यंत उपयोगी बताया है। साथ ही विकास कार्यों की मॉनिटरिंग और प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ाने में भी इस मॉडल की विशेष सराहना की है। उत्तर प्रदेश का ‘सीएम डैशबोर्ड’ आज सुशासन का वह आधुनिक उपकरण बन चुका है जो प्रशासन को न केवल डिजिटल, बल्कि अधिक पारदर्शी, संवेदनशील और परिणामोन्मुख बना रहा है।

Point of View

मैं मानता हूँ कि उत्तर प्रदेश में सीएम डैशबोर्ड का कार्यान्वयन एक सकारात्मक कदम है जो प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। यह न केवल राज्य की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

सीएम डैशबोर्ड क्या है?
सीएम डैशबोर्ड एक डिजिटल प्लेटफार्म है जिसका उपयोग उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए किया जाता है।
इस डैशबोर्ड का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य प्रशासन में पारदर्शिता, तेजी और जवाबदेही को बढ़ाना है।
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