क्या उत्तराखंड सीएम की अपील से लोग अहिंसा और करुणा का भाव रखेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- गांधी जी के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।
- अहिंसा और करुणा का भाव अपनाना चाहिए।
- लाल बहादुर शास्त्री का योगदान महत्वपूर्ण है।
- युवाओं को आदर्शों के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।
- उत्तराखंड सरकार विकास के प्रति प्रतिबद्ध है।
देहरादून, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गांधी जयंती के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस दौरान कहा कि गांधी जी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमें अपने व्यवहार में अहिंसा और मानवता के प्रति करुणा का भाव अपनाना चाहिए। यही गांधी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देकर देश को स्वाभिमान और एकजुटता का रास्ता दिखाया। उनकी सादगी, सत्यनिष्ठा, मेहनत, नैतिकता और राष्ट्र के प्रति समर्पण की मिसाल आज भी प्रेरणा देती है। हमें उनके जीवन से सीख लेकर देशहित में कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे गांधी जी और शास्त्री जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं। उन्होंने कहा कि इन महान व्यक्तित्वों के विचार और कार्य देश को मजबूती प्रदान करते हैं। गांधी जी ने अहिंसा के बल पर देश को आजादी दिलाई, वहीं शास्त्री जी ने सादगी और समर्पण से नेतृत्व की अनूठी मिसाल पेश की। दोनों नेताओं के सिद्धांत आज भी हमें रास्ता दिखाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार इन महान हस्तियों के दिखाए रास्ते पर चलते हुए राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। सभी ने गांधी जी और शास्त्री जी के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
यह आयोजन न केवल इन महान नेताओं को याद करने का अवसर था, बल्कि उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का भी संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से इन आदर्शों को अपनाकर देश और समाज की सेवा करने का आह्वान किया।