क्या नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने धारचूला में छारछुम मोटर पुल का निरीक्षण किया?
सारांश
Key Takeaways
- नेपाल के राजदूत ने पुल का निरीक्षण किया।
- यह पुल भारत-नेपाल के बीच दूसरा मोटर पुल है।
- पुल से वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
- निर्माण कार्य मार्च 2026 तक पूरा होगा।
- इस पुल से आवागमन में सुधार होगा।
पिथौरागढ़, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने गुरुवार को धारचूला उप-मंडल के छारछुम गांव में भारत-नेपाल सीमा पर काली नदी पर बन रहे मोटर पुल का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही इस पुल से वाणिज्यिक गतिविधियां प्रारंभ होंगी, जिससे भारत-नेपाल के व्यापारिक और सामाजिक संबंधों को नई मजबूती मिलेगी।
डॉ. शर्मा ने कहा कि चंपावत जनपद के बनबसा पुल के बाद यह उत्तराखंड में नेपाल को जोड़ने वाला दूसरा मोटर पुल है, जो दोनों देशों के बीच आवागमन, व्यापार और आपसी सहयोग को सुदृढ़ करेगा। उल्लेखनीय है कि इस महत्वपूर्ण मोटर पुल की आधारशिला वर्ष २०२२ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा रखी गई थी। यह पुल सीमांत क्षेत्र के विकास, व्यापार विस्तार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का सशक्त माध्यम बनेगा।
निरीक्षण के समय उनके साथ उप-मिशन प्रमुख (डीसीएम) डॉ. सुरेन्द्र थापा, राजनयिक अम्बिका जोशी एवं प्रकाश मल्ला, साथ ही सहयोगी रविन्द्र जंग थापा और भीष्म प्रसाद भुर्येल उपस्थित रहे।
राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिशासी अभियंता अरुण ने जानकारी दी कि ११० मीटर स्पैन का पुल पूर्ण हो चुका है, जिसकी कुल चौड़ाई १०.५० मीटर एवं ७.५ मीटर कैरिज-वे है।
उन्होंने बताया कि राजमार्ग से पुल को जोड़ने वाली १५० मीटर लंबी संपर्क सड़क मार्च २०२६ तक पूर्ण कर ली जाएगी, जबकि दूसरी ओर की संपर्क सड़क इस माह के अंत तक तैयार हो जाएगी।
नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर काली नदी का मोटर पुल जल्द चालू होगा, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि मोटर पुल का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। विदेश मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद पुल पर आवाजाही शुरू हो जाएगी। इसके बाद दल टनकपुर को रवाना हो गया। इस मौके पर नेपाल के सहायक प्रमुख जिलाधिकारी दार्चुला विनोद दहाल, एसपी एपीएफ देवराज जोशी, डीएसपी गौरव महत, प्रमुख अनुसंधान अधिकारी गोविंद पांडे, और भारत के लोनिवि, ग्रिफ, राजस्व विभाग, और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।