क्या उत्तरकाशी आपदा के बाद बेली ब्रिज का निर्माण पूरा हुआ?

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क्या उत्तरकाशी आपदा के बाद बेली ब्रिज का निर्माण पूरा हुआ?

सारांश

उत्तरकाशी में बेली ब्रिज के निर्माण ने आपदा के बाद स्थानीय जीवन को बहाल किया है। जानिए इस ब्रिज के महत्व और उसके निर्माण की प्रक्रिया के बारे में।

Key Takeaways

  • उत्तरकाशी में बेली ब्रिज का निर्माण किया गया है।
  • ब्रिज ने क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बहाल किया।
  • भारतीय सेना और बीआरओ ने मिलकर यह कार्य किया।
  • ब्रिज की क्षमता 50 टन है।
  • 1,273 लोगों को सफलतापूर्वक निकाला गया।

उत्तरकाशी, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से लिमचीगड में बेली ब्रिज का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। 5 अगस्त को उत्तरकाशी के धराली में गिरे बादल के कारण पुराना पुल बह गया था, जिससे इस ब्रिज ने क्षेत्र की कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित कर दिया।

लिमचीगाड पुल के नष्ट होने से परिवहन ठप हो गया था, जिसके चलते तात्कालिक मरम्मत कार्य की आवश्यकता उत्पन्न हुई।

पुलिस, स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ), इंजीनियरों और अन्य बचाव दलों की टीमों के साथ-साथ भारतीय सेना की बंगाल इंजीनियर्स ग्रुप (बीईजी) की इंजीनियरिंग इकाई ने लगातार प्रयासों से पुल के माध्यम से संपर्क को पुनर्स्थापित किया।

खोज, चिकित्सा और संचार दलों ने भी इस मिशन में भाग लिया और रविवार शाम 5 बजे 90 फुट लंबा बेली ब्रिज पूरा किया गया।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और सेना के इंजीनियरों ने मिलकर एक नया बेली ब्रिज बनाया है। यह ब्रिज गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर लिम्चिगड के पास गंगनानी और धराली के बीच स्थित है। इस ब्रिज की क्षमता लगभग 50 टन है, जो हिमालय के कठिन क्षेत्र में राहत और बचाव कार्यों को बहुत सरल बना देगा।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "लिमचीगाड के बेली ब्रिज का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और पुल आवागमन के लिए खोल दिया गया है। अब इस पुल के माध्यम से न केवल राहत सामग्री और मशीनरी तेजी से आगे भेजी जा रही है, बल्कि स्थानीय लोगों की आवाजाही भी फिर से सुचारु हो गई है। आपदा के इस कठिन समय में हमारी सरकार जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए पूरी तत्परता से कार्य कर रही है।"

अधिकारी एक साथ सोंगड़, डबरानी, हर्षिल और धराली में राजमार्ग पर अवरोधों को हटाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। लेकिन, भारी बारिश के कारण फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से निकालने में कठिनाई आ रही है।

रविवार शाम तक धराली और हर्षिल से 1,273 लोगों को हेलीकॉप्टर द्वारा सुरक्षित निकाला जा चुका है।

Point of View

तब देश की एकजुटता और सरकार की तत्परता से हम मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। उत्तरकाशी में बेली ब्रिज का निर्माण न केवल स्थानीय लोगों के लिए राहत है, बल्कि यह आपदा प्रबंधन में हमारे प्रयासों की भी पुष्टि करता है।
NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

बेली ब्रिज का निर्माण कब पूरा हुआ?
बेली ब्रिज का निर्माण 11 अगस्त को पूरा हुआ।
बेली ब्रिज की क्षमता क्या है?
बेली ब्रिज की क्षमता लगभग 50 टन है।
किसने बेली ब्रिज का निर्माण किया?
बेली ब्रिज का निर्माण भारतीय सेना और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मिलकर किया।
आपदा के बाद कितने लोगों को हेलीकॉप्टर से निकाला गया?
रविवार शाम तक 1,273 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकाला गया।
लिमचीगड पुल के बहने के बाद क्या हुआ?
लिमचीगड पुल के बहने के बाद क्षेत्र में परिवहन ठप हो गया था, जिससे तत्काल मरम्मत कार्य की आवश्यकता पड़ी।