क्या विनीत जिंदल ने भोपाल पुलिस को महमूद मदनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की?

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क्या विनीत जिंदल ने भोपाल पुलिस को महमूद मदनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने भोपाल पुलिस को महमूद मदनी के भड़काऊ बयानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है। उनका दावा है कि मदनी के बयान न केवल राष्ट्रीय एकता को कमजोर कर रहे हैं, बल्कि समाज में नफरत और अविश्वास फैला रहे हैं। क्या पुलिस इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी?

Key Takeaways

  • विनीत जिंदल ने महमूद मदनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
  • मदनी के बयान राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करते हैं।
  • जिंदल का कहना है कि ये बयानों से धार्मिक भावनाएं भड़क सकती हैं।
  • पुलिस से तत्काल कार्रवाई की अपील की गई है।
  • मदनी के बयान भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध हो सकते हैं।

नई दिल्ली, १ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने भोपाल पुलिस कमिश्नर को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी के खिलाफ एक शिकायत पत्र सौंपा है। जिंदल ने आरोप लगाया है कि मदनी ने भड़काऊ और सांप्रदायिक बयान देकर समाज का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया है। वकील का कहना है कि ये बयान न केवल लोगों के बीच नफरत और अविश्वास का बीज बो सकते हैं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और कानून के प्रति विश्वास को भी कमजोर कर सकते हैं।

शिकायत में जिंदल ने जानकारी दी कि हाल ही में मदनी ने पब्लिक भाषण और मीडिया में बातचीत के दौरान वंदे मातरम पर विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यदि किसी को 'वंदे मातरम' कहने के लिए कहा गया, तो वे इसे पढ़ना शुरू कर देंगे और इसे एक 'मृत समुदाय की पहचान' बताया। वकील ने कहा कि ऐसे बयान साफ तौर पर राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करते हैं और समाज में धार्मिक भावनाओं को भड़काते हैं।

इसके अतिरिक्त, मदनी ने एक और बयान में कहा कि 'जुल्म होगा तो जिहाद होगा' और भारतीय अदालतों पर अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया। वकील का कहना है कि ऐसे बयान लोगों को धार्मिक आधार पर भड़काने, अलगाव और कट्टरता की ओर ले जाने वाले हैं। ये बयान अदालतों और संवैधानिक संस्थाओं पर अविश्वास को बढ़ावा देते हैं।

जिंदल ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि मदनी के ये सभी बयान सार्वजनिक शांति को भंग कर सकते हैं और धार्मिक समुदायों के बीच नफरत पैदा कर सकते हैं। इसलिए, कानूनी कार्यवाही जरूरी है। वकील ने कहा कि मदनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की जानी चाहिए ताकि कोई और भड़काऊ बयान न फैले।

जिंदल ने शिकायत में स्पष्ट किया कि मदनी के बयान भारतीय न्याय संहिता, २०२३ की धारा १९६, १९७, १९८ और ३५३ के तहत अपराध के रूप में आते हैं। इनमें समूहों के बीच शत्रुता फैलाना, धार्मिक भावनाओं को आहत करना और सार्वजनिक अशांति फैलाने वाले बयान शामिल हैं। उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया है कि इस मामले को गंभीरता से लें, एफआईआर दर्ज करें और मदनी के बयानों के वीडियो, मीडिया कवरेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की जांच करें।

शिकायत में यह भी कहा गया कि जांच में वकील पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हैं और पुलिस को किसी भी अतिरिक्त जानकारी या सबूतों में मदद देने को तैयार हैं। उनका मानना है कि समय पर कार्रवाई से ही समाज में शांति स्थापित रहेगी और धार्मिक उकसावे के खतरों को रोका जा सकेगा। पुलिस से अपील की गई है कि मदनी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें, ताकि आगे किसी भी भड़काऊ गतिविधि को रोका जा सके और जनता के बीच विश्वास एवं सुरक्षा बनी रहे।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि ऐसे बयानों का समाज पर गहरा असर पड़ता है। देश की एकता और शांति को बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए। कानूनी कार्रवाई जरूरी है ताकि ऐसी स्थितियों से निपटा जा सके और समाज में विश्वास का माहौल बना रहे।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

विनीत जिंदल ने किसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की?
विनीत जिंदल ने महमूद मदनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
महमूद मदनी ने क्या विवादित बयान दिए हैं?
महमूद मदनी ने वंदे मातरम को लेकर विवादित टिप्पणियाँ की हैं और जुल्म और जिहाद का उल्लेख किया है।
जिंदल का कहना है कि ये बयान किस प्रकार के प्रभाव डाल सकते हैं?
जिंदल के अनुसार, ये बयान नफरत और अविश्वास को बढ़ावा देते हैं और राष्ट्रीय एकता को कमजोर कर सकते हैं।
क्या पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की है?
जिंदल ने पुलिस से तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है, लेकिन अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
क्या मदनी के बयान कानून के तहत अपराध हैं?
जिंदल ने कहा है कि मदनी के बयान भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत अपराध के रूप में आते हैं।
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