क्या 'नौकर की कमीज' के रचनाकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन हुआ?

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क्या 'नौकर की कमीज' के रचनाकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन हुआ?

सारांश

हिंदी साहित्य की दुनिया ने एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व को खो दिया है। विनोद कुमार शुक्ल, जिनकी रचनाएं सदियों तक याद की जाएंगी, का निधन हो गया। इस लेख में उनके जीवन और साहित्यिक योगदान पर एक नज़र डालें।

Key Takeaways

  • विनोद कुमार शुक्ल का निधन हिंदी साहित्य के लिए एक बड़ी क्षति है।
  • उनकी रचनाएं सदियों तक प्रेरित करती रहेंगी।
  • उन्होंने साहित्य अकादमी पुरस्कार जैसे महत्वपूर्ण पुरस्कार जीते हैं।
  • उनकी लेखन शैली सरल और गहरी संवेदनशीलता से भरी हुई थी।
  • उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

रायपुर, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जो मेरे घर कभी नहीं आएंगे, मैं उनसे मिलने उनके पास चला जाऊंगा जैसी कविता के लेखक और हिंदी साहित्य के प्रमुख साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन हो गया है। उन्होंने रायपुर स्थित एम्स में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन एक बड़ी क्षति है। नौकर की कमीज, दीवार में एक खिड़की रहती थी जैसी चर्चित कृतियों से साधारण जीवन को गरिमा देने वाले विनोद जी छत्तीसगढ़ के गौरव के रूप में हमेशा हम सबके हृदय में विद्यमान रहेंगे। संवेदनाओं से परिपूर्ण उनकी रचनाएं पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी। उनके परिजन एवं पाठकों-प्रशंसकों को हार्दिक संवेदना।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अनुरोध करता हूं कि स्व. विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन पर तत्काल राजकीय शोक घोषित करें। प्रदेश में इस दौरान किसी भी प्रकार के उत्सव, महोत्सव को कुछ दिनों के लिए टाल दें। यह हम सबका साझा दुख है।"

ज्ञात हो कि 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विनोद कुमार शुक्ल से बात की थी और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा था। प्रधानमंत्री ने उनके योगदान की सराहना की और कहा कि ऐसे रचनाकार देश की सांस्कृतिक चेतना को सशक्त बनाते हैं।

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ। उन्होंने अध्यापन को अपना पेशा बनाया, लेकिन उनका मन हमेशा साहित्य सृजन में लगा रहा। शिक्षक रहते हुए भी उन्होंने लेखन को निष्ठा और समर्पण के साथ आगे बढ़ाया। उनकी लेखन शैली बेहद सरल और गहरी संवेदनशीलता से भरी रही, जो उन्हें अन्य लेखकों से अलग पहचान दिलाती है।

उन्होंने कविता और उपन्यास दोनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी पहली कविता 'लगभग जयहिंद' 1971 में प्रकाशित हुई, जिसने उन्हें साहित्य जगत में पहचान दिलाई। उनके प्रमुख उपन्यासों में 'नौकर की कमीज', 'दीवार में एक खिड़की रहती थी', और 'खिलेगा तो देखेंगे' शामिल हैं। 'नौकर की कमीज' पर फिल्म भी बनी, जबकि 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' के लिए उन्हें प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Point of View

NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म कब हुआ?
विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था।
उनकी प्रमुख कृतियाँ कौन सी हैं?
उनकी प्रमुख कृतियों में 'नौकर की कमीज', 'दीवार में एक खिड़की रहती थी', और 'खिलेगा तो देखेंगे' शामिल हैं।
कब और कहाँ उनका निधन हुआ?
उनका निधन 23 दिसंबर को रायपुर स्थित एम्स में हुआ।
क्या उन्हें कोई पुरस्कार मिला था?
हाँ, 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
क्या उनके निधन पर कोई शोक घोषित हुआ?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनके निधन पर राजकीय शोक का अनुरोध किया है।
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