क्या विपक्ष के लोगों ने अब तक कोई सबक नहीं लिया? : भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी
सारांश
Key Takeaways
- राजीव प्रताप रूडी ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाया।
- विपक्ष ने बिहार चुनाव से कोई सबक नहीं लिया।
- प्रधानमंत्री मोदी की सलाह को अनसुना करना विपक्ष की कमजोरी है।
- लोकतंत्र में सशक्त विपक्ष की आवश्यकता है।
- विपक्ष के विरोध प्रदर्शन से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा बाधित हो रही है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने सोमवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर विपक्ष के विरोध को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि विपक्ष के नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव में हुई हार से कोई सबक नहीं लिया है। यदि उन्होंने सबक लिया होता, तो आज इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न नहीं होती। बिहार की जनता ने जिस प्रकार विपक्ष को नकारा है, उससे यह स्पष्ट है कि अब भारतीय राजनीति में उनकी कोई संभावना नहीं बची है। यह दुखद है कि इतने सबकुछ होने के बावजूद भी विपक्ष ने कोई सबक नहीं सीखा है।
भाजपा सांसद ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि सदैव व्यवस्थित रहती है और उनके पास देश का नेतृत्व करने की असीम क्षमता है। उन्होंने विपक्ष को भी सलाह दी है, अब यह विपक्ष पर निर्भर करता है कि वह सलाह सुनने के लिए तैयार है या नहीं।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं के इशारे पर काम करने के लिए तत्पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र और अर्थतंत्र दोनों को मजबूती मिली है, जो देश के लिए गर्व की बात है। विपक्ष अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के बजाय अलग दिशा में जा रहा है।
लोजपा (आर) की सांसद शांभवी चौधरी ने एसआईआर के विरोध पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष के नेता पिछले संसद सत्र से ही इसका विरोध कर रहे हैं। इसी विरोध के कारण कई बार संसद सत्र रद्द होना पड़ा था। चुनाव आयोग ने भी विपक्ष को सूचित किया है कि यदि उन्हें मतदाता सूची पुनरीक्षण में कोई विसंगति दिखती है, तो वे हमें लिखित शिकायत दें। लेकिन, विपक्ष ने अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष का विरोध थम नहीं रहा है। पिछला संसद सत्र भी उन्होंने इसी विरोध में बर्बाद किया था। अब देश की जनता के मन में यही सवाल उठ रहा है कि जब भी घुसपैठियों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई होती है, तो विपक्ष उनके समर्थन में क्यों खड़ा हो जाता है।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद को मंदिर कहा जाता है, जहां सांसद अपने क्षेत्र के मुद्दों को उठाने के लिए आते हैं। यह दुखद है कि विपक्ष के रवैये के कारण कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाती। एक मजबूत लोकतंत्र के लिए एक सशक्त विपक्ष का होना आवश्यक है।