क्या साइबर क्राइम और वैश्विक आतंकवाद जैसे मुद्दों पर दुनिया को एकजुट होना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- साइबर क्राइम और वैश्विक आतंकवाद के मुद्दों पर वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे पर सभी देशों को एकजुट होना चाहिए।
- संवाद और सहयोग से समस्याओं का समाधान संभव है।
- भारत ने हमेशा मानवता के लिए एक परिवार की तरह कार्य किया है।
- न्याय मानवता की समस्याओं का समाधान निकालने में महत्वपूर्ण है।
लखनऊ, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में संबोधन करते हुए कहा कि साइबर क्राइम, अच्छे स्वास्थ्य और वैश्विक आतंकवाद जैसे मुद्दों पर यूएन जैसे प्लेटफार्म का प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए।
उन्होंने उल्लेख किया कि यह समय संवाद, सहयोग और आपसी समझ को बढ़ाने का है, क्योंकि दुनिया की एक मुख्य समस्या एक-दूसरे के साथ संवाद की कमी है। ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन वैश्विक संवाद को बढ़ावा देते हैं और साझा समाधान की दिशा में रास्ता खोलते हैं।
सीएम योगी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में 16 वैश्विक लक्ष्य प्रस्तुत किए थे, जिनमें शिक्षा सर्वोपरि है। तकनीक ने जीवन को सरल बनाया है, लेकिन इसके साथ कई कानूनी चुनौतियाँ भी आई हैं। साइबर क्राइम, डाटा चोरी और डिजिटल दुरुपयोग आज की मुख्य वैश्विक चिंताएँ हैं। जलवायु परिवर्तन और इससे उत्पन्न संकट भी नयी चुनौतियाँ हैं। न्याय, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून, वैश्विक शांति और मानव सभ्यता के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम शिक्षा की बात करते हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 250 करोड़ से अधिक बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले और वे बस्ते के बोझ से मुक्त हों।
उन्होंने कहा कि भारत ने सदियों से दुनिया को एक परिवार के रूप में देखा है। यह केवल भारत की सोच नहीं, बल्कि एक परंपरा है जिसमें संकट के समय किसी भी मत या मजहब को सहारा देने में भारत ने कभी हिचकिचाहट नहीं दिखाई। इसलिए, शिक्षा, संवाद और मानवीय मूल्यों को सशक्त बनाने के प्रयासों पर सभी देशों को एकजुट होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में, जब वैश्विक अशांति और अराजकता फैली हुई है, शिक्षा, विकास और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर कार्य करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। योगी ने बताया कि भारत की प्राचीन सोच हमेशा पंचतत्वों- पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि और वायु- की सुरक्षा को प्राथमिकता देती आई है। यही आधुनिक दुनिया को भी स्थायी समाधान की दिशा में मार्गदर्शन कर सकती है।
सीएम ने कहा कि जब दुनियाभर के न्यायविद एकत्र हुए हैं, तो न्याय मानवता की समस्याओं का समाधान कैसे निकाल सकता है? इस सम्मेलन के माध्यम से वैश्विक स्तर पर यह संदेश फैलाने की आवश्यकता है।